अखिल भारतीय भोजपुरी लेखक संघ की ओर से मासिक गोष्ठी का आयोजन

अखिल भारतीय भोजपुरी लेखक संघ की ओर से मासिक गोष्ठी का आयोजन

नई दिल्ली। जन मिडिया प्रा.लि., हिन्दी मासिक डिफेंडर एवं अखिल भारतीय भोजपुरी लेखक संघ की ओर से मासिक गोष्ठी का आयोजन प्रतिभा कुञ्ज विजय एन्क्लेव,नई दिल्ली में कवि एवं पत्रकार दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल की अध्यक्षता एवं कवि सह लेखक संतोष पटेल के संचालन में हुआ।
इस कवि सम्मलेन में युवा कवियों के प्रखर विचारो ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया| कवि सम्मलेन में जिन कवियों ने श्रोताओं का दिल जितने में और कवि सम्मलेन को उसके उचाईयों तक पहुचाने में मिल का पत्थर साबित हुए उनमे प्रमुख रहे संतोष पटेल ने कहा- याद के दर्पण में तेरे रुप का दर्शन किया। दिल का उपहार जो भी था तुझे अर्पण किया। वही भारतीय रेलवे अधिकारी एवं कवि तेज प्रताप नरायण ने लड़कियों पर कहा- लड़कियाँ इंसान नहीं गठरिया होती है। चूल्हें में जलने वाली लकड़ियाँ होती है। इस कड़ी को आगे बढ़ाया अजय कुमार सिंह ने। कवि पत्रकार संजय गिरी ने देश की दुर्दशा पर कहा-सुरत बदल गई है, सीरत बदल गई है। इंसान की अब नियत बदल गई है।
अनुराधा कनौजिया, मौलाना गुलाम रसूल ने कहा- हमारा तो काम है चराग जलाते चले।रास्तें में चाहे दोस्त या दुश्मन का घर मिले।। जे. पी. दूवेदी ने इंटरनेट की महता वताया वही केशव मोहन पाण्डेय ने मां की मार्मिक रुप दिखाया। विक्रम सिंह ने भारतीय संस्कृति का पैरवी करते हुए कहा- मेरे दुश्मन का घर भी गुलजार रखना। अंत में अध्यक्षता कर रहे कवि लाल बिहारी लाल ने मां पर मार्मिक बर्णन करते हुए दोहा रुप में कहा- माँ जीवन की सार है मां है तो संसार। मां बिन लाल जीवन समझो है वेकार।। इन कवियों ने अपने कविताओं से यह सिद्ध कर दिया की समाज को बदलने के लिए साहित्य आइना का काम करता है| 
इस अवसर पर हिन्दी मासिक पत्रिका डिफेंडर तथा भोजपुरी पंचायत पत्रिका के अप्रैल-2016 अंक का विमोचन संतोष पटेल, लाल बिहारी लाल,जे.पी.दिवेदी,धनंजय सिंह,संजय गिरी तथा तेज प्रताप नरायण द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में डिफेंडर के संपादक धनंजय कुमार ने औपचारिक रूप से कार्यक्रम के समापन की घोषणा करते हुए कहा कि यह सिलसिला बा-दस्तुर आगे भी जारी रहेगा तथा आये हुए सभी कवियों एवं श्रोताओं को धन्यवाद दिया।

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