दिग्गी बयान कश्मीर के लिए खतरा

दिग्गी बयान कश्मीर के लिए खतरा

भारत अधिकृत कश्मीर कहकर-उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस को झटका

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वर्तमान महासचिव, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को विवादों में बने रहने की आदत है। गुरूवार, 18 अगस्त को भोपाल में ‘‘भारत अधिकृत कश्मीर’’ बोलकर विवादों में फस गयें। जब लाल किले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान, जम्मूकश्मीर और ब्लूचिस्तान का मुददा उठाया तो विपक्षियों से लेकर पाकिस्तान तक उठापटक मच गयी। वैसे 12 अगस्त को प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हो रहे दमन की बात की थी। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने नरेन्द्र मोदी को घेरते हुये विवादित टिप्पण़ी की, कहां कि सरकार को कश्मीरियों की चिंता नही है वह उनसे बात करने के लिए तैयार नही है। जो भारत अधिकृत कश्मीर है वहां के लोगों में विश्वास कायम करना है तो बातचीत के जरिये ही हो सकता है। दिग्विजय को जन्म गुणा जिले के शाही परिवार मे ंहुआ था। राजनीति के क्षेत्र में लोग इन्हे दिग्गी राजा नाम से जानते है। 
तेज-तर्रार नेता दिग्गी को विरोधी एक लापरवाह और मुँहफट नेता मानते है। यह बात सच है दिग्गी राजा बिना सोचे समझे किसी पर भी आरोप मढ़ देते है। 1971 से कांग्रेस की सेवा करने वाले दिग्गी राजा कांग्रेस में अपनी छाप बनाये रखने के लिए विवादित बयान देते रहते है। यह उनका एक राजनैतिक हथकन्डा है। 1993 और 1998 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके है और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में नाम है। फरवरी 2013 में 1993 व 2003 भर्ती घोटाले में कोर्ट में बेल के लिए गये थें। वर्ष 2001 में मुख्यमंत्री पद पर रहते हुये गैर कानूनी लेनदेन के आरोप लगे। भोपाल में शराब उत्पादन फैक्ट्रियों पर जब आयकर का छापा पड़ा तो उनके खातों में कई बड़े अधिकारियो के साथ दिग्विजय सिंह का नाम रिश्वत लेने वाले के लिस्ट में था। 2004 में मध्य प्रदेश लोकायुक्त द्वारा इन्दौर भूमि घोटाला में संलिप्त होने के सबूत मिलने के बाद चार साथियों समेत दिग्गी राजा के खिलाफ केस दायर किया गया। 2009 और 2011 में भी लेने देन, धोखाधड़ी, पैसों की अनियमतओं के आरोप लगें। अपनी आधी उम्र की टी0वी0 एंकर अमृता राय से शादी कर सब को चौका दिया। शादी से पहले से दोनो के सम्बन्धों को लेकर खूब चर्चा हुई थी। 
चर्चाओं केा बाजार दिग्गी राजा जब से राजनीति में आये है तब से गर्म किये है। मार्च 2013 में खूखार अतंकी ‘‘हाफिज साईद’’ को ‘‘हाफिज सहाब’’ कहकर अपनी फजीयत कराई। अप्रैल 2015 में अतंकी मर्सरत आलम को ‘‘मर्सरत आलम साहब’’ भी कहा। जुलाई 2013 में मीनाक्षी नटराजन पर विवादित टिप्पणी की। बटाला हाउस मुठभेड में दो पुलिस वाले शहीद हो गये थे, फिर भी इसे फर्जी बताकर जग हसाई करवाई। वर्ष 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अपमानजनक और अभद्र भाषा को प्रयोग करने पर दिग्गी राजा के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया। वर्ष 2009 में मुम्बई आतंकीवादी हमले में शहिद हुये पुलिस अफसर हेमन्त करकरे की हत्या के पीछे हिन्दूवादी संगठनों का हाथ होने की बात कहने पर बड़ी आलोचना व निन्दा हुई। दिग्विजय की इन हरकतों को जबान फिसलना, मुँहफट होना, दिल की बात जुबान पर लाना आदि से तौलते है। 
भारतीय कश्मीर को भारत अधिकृत कश्मीर कहकर पाकिस्तान को बल दिया। यह बात अलग है बाद में लीपा पोती कर अपनी बात ठीक करने की कोशिश की। दिग्गी राजा को यह बात मालूम होनी चाहिए की कश्मीर घाटी की हिंसा एक सुनियोजित तरीके से कराई जा रही है। आतंकी समर्थित लोग आगे पत्थर चलाते है और उनके पीछे आतंकी गोलियों की बौछारे करते है इन लोगों के खाते में एक लाख या एक लाख से कम रूपये बहार से हिंसा करने के लिए भेजे जाते है। यह रकम कम इसलिए होता है कि आर0बी0आई0 की नजरों में न आयें। वहां की मस्जिदों में इतना पैसा लगाया जाता है कि वहा के लोंगों की आमदनी से कई गुना है, वो कहां से आता है और कौन लगा रहा है यह भी जांच का विषय है। दिग्गी राजा ने तो बयान बड़ी सरलता से दे दिया और बाद में भूल सुधार करते हुये कहां कि भारत कश्मीर का अभिन्न अंग है। कांग्रेस मीडिया प्रमुख रणदीप सिंह सूरजवाला ने सफाई दी और कहां कि दिग्विजय की मंशा गलत नही थी। 
जब भाजपा ने बयान पर पटलवार किया तो कांग्रेस बैकफुट में आकर बचाव में जुट गयी। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार ब्लूचिस्तान के पीड़ितों का सवाल उठाया है, जो विपक्षी दल कांग्रेस व वामदलों को नागवार लगा। पाकिस्तान अतंकियों की पनााहगार है। ब्लूचिस्तान में मानव अधिकार का जोरदार हनन हो रहा है। आज तक किसी अन्य सरकार ने पाक अधिकृत कश्मीर पर जुबानी हमला नही बोला मोदी के इस जुबानी हमले से कुछ नेता ध्यान बटाकर उट पटांग बयान देने से बाज नही आते है, उसी का एक उदाहरण दिग्गी राजा का बयान है। उत्तर प्रदेश चुनाव 2017 में दिग्विजय सिंह का बयान काग्रेस के लिए महंगा साबित होगा। जहां पी0के0 कांग्रेस को सवारने में लगा है। काग्रेस ने शीला दीक्षित को लेकर बह्मण वोट पर सेंध की कोशिश की है वही ऐसा वक्त दिग्गी राजा का विवादित बयान जनता को नाराज कर सकता है। क्योकि उ0प्र0 की जनता इस बात को कतई स्वीकार नही करेगी कि कश्मीर पर टिप्पणी कर दिग्गी जैसा नेता पाक को दखलनदाजी करने का और मौका दें। 
देश की जनता यह चाहती है कि पाक अधिकृत कश्मीर-ब्लूचिस्तान आदि क्षेत्र में भारत को कब्जा हो क्योंकि वो क्षेत्र भारत का अंग था। कांग्रेस की राजनीति को दिग्गी राजा के बडबोले पन का झटका लगा है। उ0प्र0 के चुनाव में भाजपा इस बात को उठायेगी और कहेगी उनके दिल की बात जुबापर आ गयी। कांग्रेसी नेता पाकिस्तान की भाषा बोलने लगें। दिग्गी राजा के मजेदार किस्सों का सिलसिला काफी लम्बा है। एक बार एक ट्वीट किया था जिसको लेकर जमकर विरोध हुआ- उस ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने सलमान खान की फिल्म  सुल्तान के गाने की तर्ज पर लिखा था कि -‘‘बेबी को बेस पसन्द है..........,’’ अभिषेक को ऐश पसन्द है........................, केजरी को क्लेश पसन्द है ......................, मोदी को विदेश पसन्द है......................,। अब देखना है कि जन्माष्टमी तक दिग्गी राजा कौन सा नया विवाद खड़ा करते है।
..............

-अरूण सिंह चन्देल

www.rainbownews.in 

2 टिप्पणियाँ

और नया पुराने