नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने और घर जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है। किसान 26 नवंबरए 2020 से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
कृषि मंत्री ने कहाए श्तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का विधेयक शीतकालीन सत्र के पहले दिन ;29 नवंबर कोद्ध संसद में पेश किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने फसल विविधीकरणए शून्य बजट खेती और एमएसपी प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के मुद्दों पर विचार.विमर्श करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है। इस कमेटी में किसान संगठनों के प्रतिनिधि होंगे।
उन्होंने कहा कि इस समिति के गठन के साथ एमएसपी पर किसानों की मांग पूरी हो गई है। किसान संगठनों ने किसानों द्वारा पराली जलाने को अपराध से मुक्त करने की मांग की थी। भारत सरकार ने भी इस मांग को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद किसानों के आंदोलन को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है। मैं किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने और घर जाने का आग्रह करता हूं।पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए आवश्यक विधेयक लाएगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य ;एमएसपीद्ध के नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी।
कृषि कानून निरसन विधेयकए 2021 को पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। यह सरकार के एजेंडे में शामिल 26 नए विधेयकों में शामिल है। कृषि कानून निरसन विधेयकए 2021 में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य ;संवर्धन व सरलीकरणद्धए 2020. कृषक ;सशक्तीकरण.संरक्षणद्ध कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर अनुबंध विधेयकए 2020. आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियमए 2020 शामिल है।

