आने वाले हैं मदारी मेरे गाँव में, जनता है चिन्ता की मारी मेरे गाँव में.......
-रीता विश्वकर्मा
अम्बेडकरनगर। फरवरी का अन्तिम दिन। मात्र दो दिन शेष बचे हैं चुनाव प्रचार को। 6वें चरण में 3 मार्च को मतदान होना है। प्रत्याशी, समर्थक, मतदाता धीरे-धीरे शिथिल होते जा रहे हैं। लगभग एक महीने का जबदस्त चुनाव प्रचार करने के उपरान्त ऐसी स्थिति आ ही जाती है जब मतदान और रिजल्ट को लेकर ही आम और खास जन में जिज्ञासा की स्थिति बन जाती है। जिले की पाँच विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार अन्तिम दौर में पहुँच गया है। हालांकि स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि कौन सा प्रत्याशी इस चुनाव में बाजी मारेगा, फिर भी हमने एक सरसरी तौर पर चुनावी माहैल का जो आंकलन किया है वह आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।
यहाँ की पाँचों विधानसभा मे हम सर्वप्रथम अकबरपुर विस क्षेत्र का जिक्र कर रहे हैं। यहाँ त्रिकोणात्मक चुनावी महासंग्राम है। भाजपा, बसपा और सपा के प्रत्याशी चुनावी मैदान मे ताल ठोंके मतदान के दिन का इंतजार कर रहे हैं। यहाँ जातीय ध्रुवीकरण चुनाव पर अपना असर दिखा रहा है। बसपा के चन्द्र प्रकाश वर्मा को दलित (कोर वोट बसपा) और कुर्मी मतदाताओं का ध्रुवीकरण ने जीत की आस बंधाई है। इसी तरह सपा के राम अचल राजभर को सपा के मुस्लिम, अहीर, पिछड़ी जातियां और राजभरों का वोट मिलने की संभावना बलवती बताई जा रही है। भाजपा के धर्मराज निषाद को ब्राम्हण, ठाकुर, बनिया, पिछड़ा वर्ग, कायस्थ और केवट, बिन्द, निषाद मतदाताओं का समर्थन मिलने की बातें कही जा रही हैं।
कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में भी अब जातीय समीकरण के अनुसार बसपा के युवा प्रत्याशी प्रतीक पाण्डेय को बसपा का आधार मत यानि दलित तथा ब्राम्हण का मत मिलने की सम्भावना दिख रही है। सपा के लालजी वर्मा को अहीर, मुस्लिम, अन्य पिछड़ी जाति तथा कुर्मी मतदाताओं का सहारा है। इसी तरह इस क्षेत्र से भाजपा और निषाद पार्टी के संयुक्त प्रत्याशी डॉ अवधेश द्विवेदी को ब्राम्हण, ठाकुर, बनिया, कायस्थ, अन्य पिछड़ी जातियों के साथ ही केवट, बिन्द, निषाद जातियों का पूर्ण समर्थन मिल रहा है ऐसी चर्चा जोरो पर है।
जलालपुर विस क्षेत्र में सपा के राकेश पाण्डेय को अहीर, मुस्लिम, अन्य पिछड़ी जातियों के अलावा उनके स्वजातीय मतदाताओं का वोट मिल सकता है। इसी तरह यहाँ से भाजपा प्रत्याशी सुभाष राय को ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य तथा अन्य पिछड़ों के अलावा उनके स्वजातीय वोट मिलने की सम्भावना जताई जा रही है। डॉ. राजेश सिंह जो बसपा के प्रत्याशी हैं उन्हें दलित, स्वजातीय कुछ मुसलमानों और कुछ प्रतिशत पिछड़ी जातियों का वोट मिलने की बात कही जा रही है।
आलापुर (सु0) विस क्षेत्र में आमने-सामने के मुकाबले में भाजपा के त्रिवेणी राम को सपा के त्रिभुवन दत्त टक्कर दे रहे हैं। इस क्षेत्र के बारे में कहा जाता है कि भाजपा को सवर्ण जातियों, बनिया और अन्य पिछड़ी जातियों, इनके स्वजातियों तथा विधायक अनीता के समर्थकों का समर्थन इन्हें मिल रहा है। सपा के त्रिभुवनदत्त को मुस्लिम, अहीर, कुछ पिछड़ी जातियों तथा इनके कुछ प्रतिशत स्वजातीय का मत मिल सकता है। आलापुर विस क्षेत्र का चुनाव प्रतिष्ठापरक और रोचक बताया जा रहा है।
टाण्डा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी लड़ाई त्रिकोणात्मक है। भाजपा के कपिलदेव वर्मा को कुर्मी मतों के अलावा ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य एवं अन्य पिछड़ी जातियों का वोट मिलने की बातें हो रही हैं। सपा राम मूर्ति वर्मा मुस्लिम, अहीर, कुर्मी, अन्य पिछड़ी जातियों का समर्थन पा रहे हैं। कहा जाता है कि इनकी कन्डीशन क्षेत्र में अच्छी है। शबाना खातून बसपा प्रत्याशी हैं इन्हें दलितों तथा कुछ मुसलमानों का ही समर्थन मिलेगा।
सभी पाँचों विधानसभा क्षेत्रों में मुद्दाविहीन चुनाव माहौल चल रहा है। प्रत्याशी अपने स्वजातीय मतों तथा पार्टी के कोर वोटों के बदौलत चुनावी वैतरणी पार करने का प्रयास कर रहे हैं। पूरे जिले की पाँचों विधानसभा में मुस्लिम, अहीर, दलित, राजभर और कुर्मी मतदाता की संख्या अधिक हैं, इन्हीं मतों को हासिल करने के लिए स्वजातीय कैण्डीडेट ऐड़ी-चोटी का जोर लगा हैं। अपने जनसम्पर्क में चुनावी वायदे कर रहे हैं। इनका इस तरह का चुनावी चोला और आडम्बर तथा मतदाताओं की रिझाने के लिए किया जा रहा प्रयास इन्हें एकदम मदारी सा बना रखा है। हमें इनके इस स्वरूप पर राजेन्द्र राजन की वह पंक्तियां याद आ रही हैं- आने वाले हैं मदारी मेरे गाँव में.....जनता है चिन्ता की मारी मेरे गाँव में..........। (रेनबोन्यूज समाचार सेवा)
-रीता विश्वकर्मा
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