इसके द्वारा अवैध रुप से कमाई गई अकूत संपत्ति के जांच की उठी मांग
10 साल से ऊपर की अवधि पार किये इस बाबू के तबादले की भी उठी मांग
इस समय जिले के माध्यमिक शिक्षा विभाग (जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय) के कार्यालय में कार्यरत एक सहायक (बाबू) मीडिया की सुर्खियों में है। इसके पूर्व बेसिक शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग, पूर्ति महकमा और अन्य महकमों के कार्यालयों में कार्यरत सहायकों और उनकी गतिविधियों की चर्चा मीडिया के सुर्खियों में रही है। सोशल मीडिया में वायरल होने वाली खबरों के अनुसार, डी0आई0ओ0एस0 कार्यालय का यह सहायक दस साल से महत्वपूर्ण पटल का प्रभारी बना मनमानी लूट-खसोट मचाये हुये है।
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के उक्त बाबू के कारनामों का ब्यौरा देते हुए सोशल मीडिया ने लिखा है कि उक्त बाबू ही विभागीय कार्यालय के समस्त कार्यों का अपने तरीके से निष्पादन करता है। मीडिया की खबरों के अनुसार, शिक्षा महकमे से संबंधित सभी लोगों के कार्य, राजकीय शिक्षक, सहायता प्राप्त स्कूल विद्यालयों, शिक्षकों और मान्यता प्राप्त वित्त विहीन विद्यालयों के प्रबंध तंत्र से करोड़ो रुपए की वसूली इस बाबू द्वारा की जाती है। इस बाबू के पास आय से अधिक संपत्ति और बैंक खातों में जमा धन इस बात की पुष्टि करतें हैं कि पिछले दस सालों में इसने अकूत धन कमाया है। एक समाजसेवी ने रेनबोन्यूज से बात करते हुए कहा कि इस वटवृक्ष के समान या फिर अंगद का पांव बने बाबू को परीक्षा विभाग पटल से तत्काल हटाकर उसके मूल्य जगह पर भेजा जाना चाहिए। इसके अलावा, अकबरपुर तथा अन्य शहरों में इसके भव्य भवनों, घोड़ा-गाड़ियों, चल-अचल संपत्तियों की तटस्थ एजेंसियों द्वारा जांच की जानी चाहिए। समाजसेवी ने कहा है कि अकबरपुर-इल्तिफातगंज रोड पर रेलवे क्रासिंग पार इसका एक भव्य महल समान आवास है, जिसकी कीमत लाखों-करोड़ों में है, उसकी भी जांच की जानी चाहिए।
समाजसेवी के अनुसार, इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिये परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में तमाम खामियां हैं, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी परीक्षा विभाग में कार्यरत उक्त बाबू की है। जिले में अनेकों परीक्षा केंद्र ऐसे बनाये गयें हैं, जो विभागीय मानक पर खरा नहीं उतरतें हैं। मानक विहीन इन परीक्षा केंद्रों का निर्धारण उक्त सहायक द्वारा भेजी गई रिपोर्ट आख्या के आधार पर किया गया है। इसके लिये इस बाबू ने परीक्षा केंद्रों के प्रबंधकों से अच्छी-खासी धनउगाही किया। अंबेडकरनगर जिले के अधिकांश ऐसे विद्यालय परीक्षा केंद्र बनाये गयें हैं, जो उत्तर प्रदेश बोर्ड के मानकों की कसौटी पर खरे नहीं उतरते हैं। समाजसेवी के अलावा अन्य कई सूत्रों ने बताया कि इस बाबू की वजह से जांच करने वाले सक्षम अधिकारी भी प्रभावित होते हैं। यह सहायक अपने तरीके से प्रबंधन कर लेता है और केंद्र निर्धारण में मनमानी वसूली करता है। कई ऐसे विद्यालय उत्तर प्रदेश के लिये परीक्षा केंद्र बनाये गयें हैं, जहां पर विद्यालय भवन मानक के अनुरुप नहीं हैं। किसी में खिड़की नहीं हैं, तो किसी में फर्श टूटी है। कमरें टूटे-फूटे बच्चों के बैठने की बेंच आदि आवश्यक आवश्यकताओं की सर्वथा कमी है। ऐसे विद्यालय चर्चित बाबू की कृपा से बोर्ड परीक्षा में परीक्षा केंद्र बनायें गयें है। पुराने और सभी मानकों की कसौटी पर खरा उतरने वाले अनेकों विद्यालय परीक्षा केंद्र बनाये जाने से वंचित कर दिये गये हैं।
अकबरपुर ,भीटी, जलालपुर,आलापुर, टांडा आदि तहसील क्षेत्रों और समस्त ब्लॉकों के अंतर्गत आने वाले दर्जनों परीक्षा केंद्र इस बात की पुष्टि करते हैं कि इन्हें उत्तर प्रदेश बोर्ड द्वारा निर्धारित मानक के विपरीत बनाया गया है, जहां पक्के कमरे, सीसीटीवी कैमरे, लाइव टेलिकास्टिंग के लिये राउटर के लिये कोई व्यवस्था नही है।
शेष बहुत कुछ........
डी0आई0ओ0एस0 ऑफिस के दंबंग, प्रभावशाली, अंगद का पांव, वटवृक्ष बने परीक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण पटल पर काबिज अकूत कमाई करने वाले बाबू के बारे में रेनबोन्यूज क्रमशः तथ्यपरक आलेख/खबरें प्रकाशित करता रहेगा। आप बने रहिये हमारे साथ, माध्यमिक शिक्षा से संबंधित खबरें हमतक पहुंचाये। विभाग के उक्त बाबू अथवा कर्मचारी/अधिकारी से पीड़ित लोगों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी पीड़ा/शिकायत रेनबोन्यूज में प्रकाशनार्थ हमें अवश्य दें
