पुलिस, मीडिया, सफेदपोश, युवा वर्ग और व्यापारी इस खेल में शरीक-ए-हाल
जुआ अड्डा पर की गई छापेमारी को वर्दी ने डाला ठण्डे बस्ते में
शहजादपुर, अकबरपुर, टाण्डा, बसखारी आदि कई स्थानों पर निर्बाध संचालित हो रहा है जुआ अड्डा
-रीता विश्वकर्मा
अम्बेडकरनगर। (रेनबोन्यूज समाचार सेवा)। वैसे तो पूरे जिले के ग्रामीण, शहरी व कस्बाई इलाकों में दशकों से जुआ का घर बिकाऊ खेल चल रहा है, परन्तु यह खेल जो कभी रात के अंधेरे में हुआ करता था अब दिन के उजाले में भी बेधड़क खेला जाने लगा है। ऐसा नहीं है कि इसे मीडिया के लोग ही जानते हैं। बावर्दी, जनरक्षक इस खेल को संचालित करने वाले लोगों से इतना याराना बनाये हुए हैं कि कहा जाता है कि ये लोग भी उसमें हिस्सेदार हैं।
इसके अलावा सफेदपोश, माननीय व धनी वर्गीय एवं व्यापारियों की भागीदारी सोने में सुहागा का काम कर रही है। यही नहीं यह खेल युवाओं के लिए भविष्य चौपट करने वाला साबित हो रहा है। जुआ और सट्टा नामक खेल ने हत्या, चोरी और अन्य आपराधिक घटनाओं को जन्म देने लगा है।
अम्बेडकरनगर जिले के टाण्डा, आलापुर, जलालपुर, भीटी व अकबरपुर तहसील क्षेत्रों में जुआ जैसा खेल अपना संजाल फैला चुका है। जिसमें पड़कर लोग विशेष तौर पर युवा वर्ग तबाह हो रहा है। बीते वर्ष मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले कतिपय जुआ अड्डों पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस महकमे की छापेमारी भी हुई थी। कहने के लिए इन जिम्मेदारों ने कोरम पूरा कर दिया। अपने दायित्व की इतिश्री कर दिया। वहीं निगहबानी कहने वाली पुलिस ने इस खेल और संलिप्त लोगों के कृत्यों पर पर्दा डालकर उसे और पोशीदा कर दिया। ऐसी स्थिति में सब कुछ पूर्व की भांति ही चल रहा है। अन्तर यह है कि जिस पर्दे की आड़ में पोशीदा होकर जुआ/सट्टा (सामजिक कोढ़) अब भी बदस्तूर जारी है।
अकबरपुर मुख्यालय के जुड़वा उपनगर शहजादपुर में चलने वाले जुआ अड्डा और उसके संरक्षकों को देखकर यह नहीं लगता है कि इस सामाजिक अपराध पर कोई अंकुश लगा है। दिन दूना और रात चौगुना की तरह जुआ अड्डा संचालन जैसा कार्य पुष्पित और पल्लवित हो रहा है।
बता दें कि बीते वर्ष शहजादपुर के एक व्यवसाई के युवा पुत्र की निर्मम हत्या हो गई थी। इस हत्या के पीछे जुआ और सट्टा जैसा खेल ही कारण बताया गया था। बीच में खबर आई कि सोशल मीडिया, वेब पोर्टल्स और कतिपय प्रिन्ट में प्रकाशित व प्रसारित जुआ अड्डे की खबरों से आजिज आकर अकबरपुर के एसडीएम और सीओ ने शहजादपुर में छापेमारी की रस्म अदायगी किया था।
बताया गया है कि शहजादपुर में कस्बे के बाहर खेतों में एक निर्माणाधीन भवन के वातानुकूलित कक्षों में जुआ का धन्धा बेखौफ चलाया जा रहा है। उक्त भवन के बाहर मोटर बाइक और चार पहिया वाहनों की कतार लगी रहती है। शहजादपुर के दक्षिणी इलाके में संचालित उक्त जुआ अड्डा में प्रशासन और पुलिस की छापेमारी की भनक जुआरियों को लग गई थी। मौके पर छापामार दल के हाथ कुछ भी नहीं लगा था। हालांकि उक्त जुआ अड्डे के कमरों में ताला लगा था। एसडीएम और सीओ अकबरपुर के साथ गये पुलिस बल ने दरवाजा तोड़कर उक्त निर्माणाधीन भवन के कमरों में प्रवेश किया था।
बताया गया कि वहाँ का दृश्य देखकर लोगों को लगा था कि अवश्य ही अवैध कार्य चल रहा है। चर्चा है कि शहजादपुर में छापामारी के दौरान कुछ बाहरी लोग मौके पर मिले थे, उनके वाहन भी पकड़े गये, लेकिन आगे की कोई कार्रवाई नहीं हुई। मीडिया में यह कहा जाता रहा कि निगरानी करने वाले पुलिस ने मामले को पूर्णतया दबा दिया। साथ ही अपने बचाव के लिए धारा-144 व कोविड-19 गाइडलाइन उल्लंघन के तहत मामला दर्ज कर जुआ अड्डा प्रकरण को ठण्डे बस्ते में डाल दिया।
यहाँ बताना जरूरी है कि बीते साल सोशल मीडिया की खबरों की वजह से कथित रूप से सक्रिय हुई जिले की पुलिस ने टाण्डा, बसखारी, अकबरपुर और शहजादपुर में छापेमारी किया था। और इन सभी स्थानों व जुआ अड्डों के खिलाफ कुछ न करके लीपा-पोती की गई थी, साथ ही पुलिस ने जुआ अड्डों पर छापेमारी एवं कुछ एक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने को बड़ी उपलब्धि बताकर मीडिया में अपना पक्ष प्रस्तुत कर स्वयं अपनी पीठ थपथपाई थी।
इस समय अकबरपुर, शहजादपुर में यह चर्चा जोरों पर है कि एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का कथित पत्रकार और पुलिस व प्रशासन गठजोड़ जुआ अड्डा का संचालन कर रहा है। हालांकि जुआ अड्डा और जुआ खेलने वालों की कोई शिकायत पुलिस को नहीं मिली है। ऐसा पुलिस के जिम्मेदारों का कहना है। मीडिया के कई समर्पित परसन्स ने यह कहा है कि सोशल मीडिया विशेषतौर पर वेब और प्रिन्ट मीडिया में जुआ अड्डा संचालन से सम्बन्धित खबरों के बारे में पुलिस के अधिकारियों द्वारा समाचार प्रकाशित करने वाले पत्रकारों से कहा गया कि सटीक स्थान बताओ ताकि पुलिस को अपना काम करने में आसानी हो।
इन मीडिया परसन्स ने कहा कि पुलिस के उच्चाधिकारियों का यह कहना एक तरह से ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ मीडिया परसन्स से मुखबिरी कराने जैसा रहा। पिछले साल शहजादपुर पुलिस चौकी के वर्दीधारी जिम्मेदारों ने एक मीडिया परसन से शहजादपुर में चल रहे जुआ अड्डे के बारे में कहा था कि उक्त जुआ अड्डा के बारे में पुलिस के उच्चाधिकारियों को सब कुछ मालूम है। चूंकि उक्त अड्डा एक प्रभावशाली मीडिया परसन और उसकी टीम द्वारा संचालित किया जा रहा है ऐसे में प्रशासन और पुलिस महकमा इस अड्डे पर हाथ डालने की जुर्ररत नहीं कर रहा है।
-रीता विश्वकर्मा