अंबेडकरनगर। पेट्रोल-डीजल के दाम पिछले 6 दिन से लगातार बढ़ रहे हैं। इससे लोगों की जेब ढीली हो रही है। दूध, सब्जी, फल आदि की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पहले से ही जनता खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ने से परेशान थी। ऐसे में तेल की कीमतों में हो रहे इजाफे से और बोझ पड़ रहा है। 137 दिनों के अंतराल के बाद देश में पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। प्रदेश में डीजल के दाम 91.78 पैसे हो गया तो पेट्रोल के दाम शतक पूरा कर 100.15 पैसे हो गया है।
रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 2008 के बाद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। आशंका जताई जा रही थी कि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के खत्म होते ही लोगों को महंगा तेल खरीदना पड़ेगा। चुनाव नतीजे घोषित होने के 11 दिनों बाद ही वह आशंका सही साबित हुई और तेल की कीमतें बढ़ने लगीं। हालांकि, ओएमसी ने एक साथ दाम में मोटा इजाफा नहीं किया है, लेकिन 5 दिनों से इसमें धीरे-धीरे बढ़ोतरी कर रही है।
आमतौर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों को पेट्रोलियम उत्पादों के बेंचमार्क कीमतों के 15 दिवसीय रोलिंग औसत के अनुरूप हर रोज बदला जाता है। ओएमसी ने पिछले साल 4 नवंबर से दोनों की कीमतों को स्थिर रखा था। महंगे पेट्रोल-डीजल से आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने 4 नवंबर 2021 को उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। सरकार ने पेट्रोल पर शुल्क में 5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी, जिससे ईंधन की कीमतों में काफी कमी आई थी, लेकिन 5 राज्यों के चुनाव के बाद लगातार तेल के दाम बढ़ रहे, जिससे लोगो पर महंगाई का मार पड़ रही है।
लोग बताते हैं, सरकार चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रही थी और जैसे ही चुनाव खत्म हुआ, तब से लगातार तेल के दाम बढ़ रहे हैं। पेट्राल-डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट पर असर पड़ेगा। इसके चलते सब्जी से लेकर दूध, कंट्रक्शन आदि के सामान महंगा हो जाएगा। रोजमर्रा की जरूरतों के सामानों के दाम बढ़ेंगे, जिससे लोगों पर महंगाई की मार पड़ेगी। विपिन ने बताया, जब तक चुनाव था, तब तक सरकार तेल दाम नहीं बढ़ाई और जैसे ही चुनाव खत्म हुआ, वैसे ही सरकार ने पेट्राल-डीजल के दाम बढ़ा कर लोगों पर महंगाई का तीर चला दिया है।
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