- सत्यम सिंह
अंबेडकरनगर (रेनबोन्यूज समाचार सेवा) । तमसा नदी में दूषित पानी छोड़े जाने से तीन दिनों से मर रही मछलियों के सड़कर दुर्गंध उठने से करीब एक चौथाई शहरवासियों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।हवा में घुली दुर्गध से नागरिक नाक और मुंह पर रुमाल रखकर घर से निकलने को मजबूर हैं। उधर, इससे राहत दिलाने के लिए जिला प्रशासन के साथ नगरपालिका ने भी अभी तक कोई उपयुक्त कदम नहीं उठाया है। स्थानीय निवासियों का दावा है कि मिझौड़ा स्थित चीनी मिल से विषैला पानी छोड़े जाने से मछलियों की मौत हुई है।सरकार छोटी-बड़ी सभी नदियों की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। इसके विपरीत तमसा नदी में हर वर्ष गंदा पानी छोड़ प्रदूषण फैलाया जा रहा है। तीन दिन पूर्व अकबरपुर शहर के बीच से बहने वाली इस नदी में दो बार दूषित पानी छोड़ दिया गया। इससे नदी में बड़ी संख्या में मछलियों की मौत हो गई। जिला प्रशासन की टीम ने नदी के पानी का सैंपल जांच के लिए तो भिजवा दिया, लेकिन गंदा पानी कहां से आया, इसकी न तो जांच की गई और न ही दोषी संस्था के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। 72 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद नदी के पानी से तेज दुर्गंध आने लगी है, इससे लोगों का जीना दूभर हो गया है। अधिशासी अधिकारी बीना सिंह ने बताया कि नदी में ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव करवाया जा रहा है। अयोध्या स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि उनकी टीम आज शनिवार को क्षेत्र का दौरा कर अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपेगी।मिझौड़ा स्थित चीनी मिल हर साल तमसा नदी में गंदा पानी छोड़ती है। इससे पहले भी मछलियों की मौत हो चुकी है, लेकिन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से यह सिलसिला जारी है। इस पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए।
