गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश पर्व संपन्न, आखिरी दिन श्रद्धालुओं ने छका लंगर

गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश पर्व संपन्न, आखिरी दिन श्रद्धालुओं ने छका लंगर

अम्बेडकरनगर।  टांडा नगर के मोहल्ला छज्जापुर स्थित श्री गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा में श्री गुरू ग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम पूरी भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। श्री गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा परिसर में धार्मिक वातावरण में 26 अगस्त की सुबह प्रारम्भ हुआ श्री अखण्ड पाठ सम्पन्न हुआ। पाठ समापन के उपरान्त ज्ञानी सरदार हरप्रीत सिंह द्वारा शब्द कीर्तन व अरदास के बाद गुरू का अटूट लंगर बंटा।

प्रकाश पर्व के संबंध में ज्ञानी हरप्रीत सिंह व श्री गुरू द्वारा गुरू सिंह सभा के संरक्षक सरदार राजेश सिंह सलूजा ने बताया कि श्री गुरू गोविंद सिंह जी ने वर्ष 1706 में श्री गुरू तेगबहादुर की वाणी जोड़ी थी। वर्ष 1708 में गुरू गद्दी पर आसीन किया। तब से इसे श्री गुरू ग्रंथ साहिब कहा जाने लगा। गुरू अरजन साहिब को ग्रंथ का संपादन कार्य पूर्ण करने में करीब 5 वर्ष का समय लगा था।

कुल 1430 पृष्ठों में पृष्ठ संख्या 14 से पृष्ठ 1335 तक की वाणी रागों पर आधारित है। प्रयुक्त हुए रागों की संख्या 31 है। वाणी का मुख्य संदेश एकत्व और मानवता है। गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा के प्रधान सरदार अमरजीत सिंह ने बताया कि श्री गुरू ग्रंथ साहिब में परमात्मा के निराकार, अविनाशी, सृष्टि के सृजनकर्ता, पालक, उद्धारकर्ता के रूप में चर्चा की गई।

परमात्मा की कृपा प्राप्त करने का एक ही मार्ग बताया गया है प्रेम का। गुरू की वाणी परमात्मा को मन में खोजने व घट घट में देखने की प्रेरणा देती है। रात में शबद कीर्तन के साथ तीन दिवसीय कार्यक्रम हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न हुआ।

तीन दिवसीय कार्यक्रम में सेवादार जी जान से लगे रहे।लंगर में सभी धर्म व समुदाय के हजारों लोगों ने श्रद्धा के साथ प्रसाद ग्रहण किया।

Post a Comment

और नया पुराने