साक्षात्कार के दौरान जब तेजस्वी यादव से पूछा गया कि विपक्षी पार्टी भाजपा जंगलराज फिर से वापस आने का आरोप लगा रही है। इसपर तेजस्वी ने जवाब देते हुए कहा कि यह एक थका हुआ प्रवचन है जिसे कि आप रोते हुए भेड़िये की आवाज कह सकते हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि जद (यू), राजद, कांग्रेस और अन्य दलों के एकजुट होने के साथ महागठबंधन सरकार का सत्ता में आना विपक्षी एकता के लिए शुभ संकेत है। यह संकेत देता है कि अधिकांश विपक्षी दल देश के सामने भाजपा के आधिपत्य की बड़ी चुनौती को पहचानते हैं, जहां पैसे, मीडिया और (प्रशासनिक) मशीनरी शक्ति के बल पर, वे भारतीय समाज से सभी विविधता को खत्म करने के लिए आतुर हैं। साथ ही राजनीतिक स्पेक्ट्रम से उन्होंने आरोप लगाया। यादव ने कहा कि यह राज्यों के स्तर पर क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और सामाजिक न्याय और विकास के मुद्दों का भी सवाल है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा की कोशिश लगातार क्षेत्रीय असमानताओं को नजरअंदाज करने की रही है। बिहार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। लेकिन क्या हमें केंद्र से ज्यादा कुछ मिला है? यादव ने जोर देकर कहा कि क्षेत्रीय दलों और अन्य प्रगतिशील राजनीतिक समूहों को अपने संकीर्ण लाभ और हानि से परे देखना होगा और गणतंत्र को बचाना होगा। तेजस्वी ने कहा कि अगर हम विनाश को अभी नहीं रोकते हैं तो इसका पुनर्निर्माण करना बहुत मुश्किल होगा।
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