आईआईटी दिल्ली में बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू- भारत के पास प्रतिभा की खदान, पूरा इस्तेमाल अभी भी बाकी

आईआईटी दिल्ली में बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू- भारत के पास प्रतिभा की खदान, पूरा इस्तेमाल अभी भी बाकी

IIT Delhi के डायमंड जुबली कार्यक्रम में अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत के पास प्रतिभा की एक बड़ी खदान है। इस प्रतिभा का पूरा प्रयोग किया जाना अब भी बाकी है।

राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान, दिल्ली में डायमंड जुबली के समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल हुईं और इसे संबोधित किया। अपनं संबोधन में राष्ट्रपति ने आईआईटी और देश की युवा प्रतिभा की खूब तारीफ की भविष्य की योजना का भी जिक्र किया। 

IIT Delhi के डायमंड जुबली कार्यक्रम में अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत के पास प्रतिभा की एक बड़ी खदान है। इस प्रतिभा का पूरा प्रयोग किया जाना अब भी बाकी है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान/IIT राष्ट्र का गौरव रहे हैं। आईआईटी की कहानी स्वतंत्र भारत की कहानी है।

IIT Delhi में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा शिक्षण संस्थानों को भविष्य के लिए तैयार होने की जरूरत है। संस्थानों को अब नए शिक्षण शिक्षण मैट्रिक्स, शिक्षाशास्त्र और सामग्री के साथ भविष्य के लिए तैयार करने की आवश्यकता है।  

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईआईटी की गाथा को स्वतंत्रत भारत की कहानी बताते हुए शनिवार को कहा कि आने वाले समय में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से जलवायु परिवर्तन, जीवाश्म ईंधन, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में योगदान की अपेक्षा हैं। इस दिशा में आईआईटी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, जब हम वर्ष 2047 का उल्लेख करते हैं तब जलवायु परिवर्तन हमारे समक्ष गंभीर चुनौती बन कर आ रहा है और एक विकासशील देश होने के नाते हमारे अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ता है। उन्होंने जीवाश्म ईंधन का जिक्र करते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान आईआईटी, दिल्ली का योगदान इस बात का उदाहरण है कि स्वास्थ सुरक्षा के विषय में अकादमिक संस्थान किस प्रकार से योगदान दे सकते हैं। मुर्मू ने कहा कि आईआईटी, दिल्ली ने समाज से जुड़े मुद्दों के प्रति हमेशा अतिरिक्त संवेदनशीलता दिखायी है और कोविड-19 महामारी के प्रथम चरण में संस्थान द्वारा रैपिड एंटीजेन किट, फेस मास्क आदि विकसित किया गया था।राष्ट्रपति ने कहा कि देश की जनसंख्या अधिक होने के मद्देनजर भविष्य के लिए नीतियां महत्वपूर्ण हैं क्योंकि तभी आबादी का लाभ उठाया जा सकता है।

मुर्मू ने कहा कि आईआईटी, दिल्ली बड़े पैमाने पर अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार में योगदान दे रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिये आईआईटी से काफी अपेक्षाएं हैं । उन्होंने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर भारत की बेहतर होती स्थिति में आईआईटी का बड़ा योगदान है।

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