पीएम पद की दावेदारी पर अखिलेश ने कहा कि उन्होंने इतना बड़ा सपना दिखाया है। इससे तो इंकार करते हैं लेकिन उन्होंने 2024 के मिशन के लिए पिछड़ों के साथ-साथ दलित वोट बैंक को साधने का संदेश दे दिया है
प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्षी दलों में नेता चुनने की जद्दोजहद के बीच यूपी से अब अखिलेश यादव का नाम भी उछाला जाने लगा है पर अखिलेश इससे तो इंकार करते हैं लेकिन उन्होंने 2024 के मिशन के लिए पिछड़ों के साथ-साथ दलित वोट बैंक को साधने का संदेश दे दिया है।
सपा के सम्मेलन की शुरुआत में ही पार्टी के वरिष्ठ नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि देश में गैर भाजपा सरकार बने और सपा सबसे बड़ी पार्टी बने और अखिलेश प्रधानमंत्री पद पर आएं तो अखिलेश ने उनकी बातों के संदर्भ में कहा कि उन्होंने इतना बड़ा सपना दिखाया है। हम ऐसा नहीं सोचते कि उस पद पर पहुंचे। हम यह सपना जरूर देखते हैं कि किसी तरह भाजपा सरकार सत्ता से बाहर हो जाए। हाल में सपा सांसद टी. हसन ने अखिलेश को पीएम पद के लिए उपयुक्त दावेदार बताया था। रविदास मेहरोत्रा के अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने भी यही बात दोहराई।
हाल में सपा मुख्यालय में अखिलेश यादव व नीतीश कुमार के फोटो वाला बैनर लगा था। इसका संदेश यह निकाला जा रहा था कि अखिलेश ने उनका नेतृत्व स्वीकार कर लिया लेकिन अब सपा की ओर से कई नेताओं ने अखिलेश का नाम आगे करना शुरू कर दिया है। हाल में बसपा ने भी कहा था कि उनकी पार्टी की नेता मायावती को इस पद के लिए दावेदार माना जाता है तो उनकी पार्टी गैरभाजपाई दलों के मोर्चे में शामिल हो सकती हैं।
जब गैर भाजपाई दलों में प्रधानमंत्री पद की दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। चाहे कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी हों, जद यू के नीतीश कुमार हों या बसपा की मुखिया मायावती। इनकी पार्टियां अब इस पद के लिए नाम आगे कर रही हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर व पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हालांकि कुछ कहा नहीं है, लेकिन उनकी महत्वकांक्षाएं छिपी नहीं हैं।