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एडीएम अशोक कुमार कन्नौजिया |
धान बिक्री में आसानी के लिए किसानों का पंजीयन आवश्यक
पांच सितंबर से पंजीयन व सत्यापन कार्य शुरु
3.85 लाख किसानों में तीन हजार ने ही अब तक कराया पंजीयन
धान बिक्री के लिए पंजीयन कराने में किसान नहीं ले रहें रुचि
- सत्यम सिंह
अम्बेडकरनगर। धान की बिक्री में किसानों को असुविधा न हो इसके लिए 5 सितंबर से पंजीयन और सत्यापन शुरू किया गया है। एक माह बीत जाने के बाद केवल 3 हजार किसानों ने पंजीकरण कराया है। जबकि जिले में धान की खेती करीब 3.85 लाख किसान करते है। हालांकि जिन किसानों को धान की बिक्री करना है, उन्हें एक नवम्बर से पहले पंजीकरण कराना होगा। अन्यथा उनके धान की खरीद नहीं हो पाएगी।
जिला प्रशासन ने धान खरीद के लिए 67 तौल केंद्र बनाए गए हैं। इन तौल केंद्रों पर एक नवम्बर से धान की खरीद शुरू हो जाएगी। तौल के समय नंबर को लेकर किसानों को बहुत दिक्कत होती है और महीनों तक उनको अपनी ट्राली को लेकर धान केंद्रों पर इंतजार करना पड़ता है। जबकि बिचौलिया आराम से अपना धान बेच लेते है। बिचौलियों को रोका जा सके इसके लिए 5 सितम्बर से धान बिक्री करने वाले किसानों का पंजीकरण हो रहा है और खतौनी का सत्यापन किया जा रहा है।
कृषि विभाग के आकंडों पर गौर करें तो जिले में 3.85 लाख किसान धान की खेती करते हैं। इन किसानों ने 1.16 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की है। जो किसान पंजीकरण कराए रहेंगे और जिनका सत्यापन हुआ रहेगा। उनके धान की खरीद की जाएगी।
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अशोक कुमार कन्नौजिया ने बताया कि किसानों से अपील की गई है कि नवंबर से पहले पंजीयन करा लें और खतौनी का सत्यापन भी करा लें। पंजीयन कराने वाले किसानों के कागजात का सत्यापन प्राथमिकता के साथ कराया जा रहा है। जिससे किसानों को उपज की बिक्री करने में किसी भी प्रकार की मुश्किल न हो।
