दशहरा की बधाई देने पर शमी को फतवा जारी करने की धमकी

दशहरा की बधाई देने पर शमी को फतवा जारी करने की धमकी


मोहम्मद शमी ने सोशल मीडिया पर दशहरे की शुभकामनाएं दीं। इसी के कारण वह कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए हैं। सोशल मीडिया पर ही कुछ यूजर्स ने उनके इस ट्वीट को धर्म से जोड़कर उन्हें बुरा-भला कहा। इतना ही नहीं, उन्हें नाम तक बदलने की सलाह दी जाने लगी। हालांकि शमी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। शमी के इस ट्वीट को अभी तक 40 हजार से ज्यादा यूजर्स ने लाइक किया है। बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें सपोर्ट किया है।

सोशल मीडिया यूजर्स ने शमी को मुस्लिम होने का हवाला देते हुए अल्लाह के पक्ष में ट्वीट करने की बात कही। वहीं कई यूजर्स ने तो यहां तक कह दिया कि टीम इंडिया में जगह नहीं मिलेगी। उधर, अमरोहा निवासी तमाम लोगों ने मोहम्मद शमी के पक्ष में आकर भाईचारे को कायम रखने की बात कही है।

शमी ने बुधवार को ट्विटर पर भगवान राम द्वारा रावण का वध करते हुए एक तस्वीर शेयर की। इस पर लिखा हुआ था हैप्पी दशहरा। तस्वीर के साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा, "दशहरे के शुभ अवसर पर मैं भागवान राम से प्रार्थना करता हूं कि वह आपके जीवन को ढेर सारी समृद्धि, सफलता और खुशियों से भर दें। आपको और आपके परिवार को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं।" शमी की इस पोस्ट पर कुछ लोगों ने उन्हें निशाना बना लिया और उन पर कई तरह के कमेंट किए।

कट्टरपंथियों ने मोहम्मद शमी के खिलाफ फतवा जारी करने की बात कही है। शमी को इस तरह की धमकी उनके किए एक ट्वीट को लेकर मिल रही है। इतना ही नहीं, कई कट्टरपंथी तो उन्हें इस्लाम समझाने लगे और मुस्लिम होने के गुण बताने लगे। अकील भट्टी नाम के एक ट्वीटर हैंडल ने लिखा, “शर्म आनी चाहिए शमी। क्या तुम मुस्लिम हो?”

वहीं इब्न ए अहमद नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा, टीम में नहीं लेंगे भाई। हसन मंजूर नाम के एक ट्विटर हैंडल ने लिखा, ये जानते हुए कि अल्लाह के सिवा कोई खुदा नहीं है, एक मुस्लिम होने के नाते आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? अमन मिर्जा नाम के एक ट्विटर हैंडल ने लिखा, "मरने के बाद दोबारा उठाया भी जाना है। कब्र-कयामत सब भूल बैठे हैं। अल्लाह हिदायत दे।"

हसन मंजूर नाम के एक ट्विटर हैंडल ने लिखा, “ये जानते हुए कि अल्लाह के सिवा कोई खुदा नहीं है, एक मुस्लिम होने के नाते आप ऐसा कैसे कह सकते हैं?”

कट्टरपंथियों के निशाने पर आने के बाद मोहम्मद शमी के पक्ष में उनके ही समाज के लोग बचाव में उतर आए हैं। कट्टरपंथियों के द्वारा किये गए ट्वीट का खुलकर विरोध कर रहे हैं। उनके पैतृक गांव निवासी जहांगीर, मौहम्मद अरमान, सुलेमान और रहीस आदि का कहना है कि शमी का जो लोग विरोध कर रहें हैं। वो उनके मुखालफती लोग हैं। शमी ने जो बधाई दी है वो भाईचारे की एक मिसाल हैं।

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