एमपी-एमएलए कोर्ट की विशेष जन अभियोजक ने बुधवार को बताया, ''अरुण सागर को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बिना संबद्ध अधिकारी की अनुमति के चुनाव सामग्री लाने के एक मामले में फरार घोषित कर दिया गया है।
शाहजहांपुर जिला कोर्ट ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद अरुण सागर को फरार घोषित कर दिया। उन पर पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान प्रशासन की अनुमति के बिना दीवार पर पेंटिंग कराने का आरोप है।
एमपी-एमएलए कोर्ट की विशेष जन अभियोजक ने बुधवार को बताया, ''अरुण सागर को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बिना संबद्ध अधिकारी की अनुमति के चुनाव सामग्री लाने के एक मामले में फरार घोषित कर दिया गया है। उन्हें बार-बार कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया लेकिन वे पेश नहीं हुए। इसी मामले में इससे पहले उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था क्योंकि वे कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।''
वर्ष 2019 में 12 मार्च को तत्कालीन उपजिलाधिकारी सदर/सहायक रिटर्निंग आफिसर 136 विधानसभा क्षेत्र ददरौल वेद सिंह चौहान भ्रमण कर रहे थे। उन्हें कांट थाना क्षेत्र के गांव रसूलापुर में बरेली-जलालाबाद मार्ग पर तब भाजपा प्रत्याशी रहे अरुण सागर की प्रचार सामग्री दिखाई दी। बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के यह प्रचार सामग्री लगाई गई थी। उनकी तहरीर पर कांट थाने में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया। इसके बाद से वाद अदालत में चल रहा है।
अरुण सागर इस मामले में अदालत में हाजिर नहीं हुए जिसकी वजह से कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। वारंट जारी होने के बाद भी जब भाजपा सांसद अरुण सागर अदालत में हाजिर नहीं हुए तो अदालत ने 21 नवंबर के आदेश में सीआरपीसी की धारा 82 के तहत उन्हें फरार घोषित कर दिया। कोर्ट ने सांसद के आवास के साथ ही आदेश की प्रति सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कराने के आदेश दिए हैं।