ध्यान भटकाने के लिए नफरत को हथियार बनाती है भाजपा : राहुल गांधी

ध्यान भटकाने के लिए नफरत को हथियार बनाती है भाजपा : राहुल गांधी

  •   लाल किला से BJP पर बरसे राहुल गांधी


जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, भाजपा असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सांप्रदायिक नफरत को हथियार की तरह इस्तेमाल करती है। टीवी चैनलों के जरिये 24 घंटे हिंदू-मुस्लिम का डर फैलाया जा रहा है।







भारत जोड़ो यात्रा के साथ दिल्ली पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा-आरएसएस और मोदी सरकार पर शनिवार को जमकर हमला बोला। लालकिले के नजदीक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, भाजपा असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सांप्रदायिक नफरत को हथियार की तरह इस्तेमाल करती है। टीवी चैनलों के जरिये 24 घंटे हिंदू-मुस्लिम का डर फैलाया जा रहा है। देश तोड़ने की कोशिश हो रही है, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी। यात्रा में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व अभिनेता कमल हासन भी शामिल हुए।



भाजपा और मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि देश में नफरत फैलाने के बाद ये सब कुछ बेच देंगे। बंदरगाह, एयरपोर्ट, सड़क और अन्य सरकारी संपत्तियों को मोदी सरकार अपने करीबी उद्योगपतियों को सौंप देगी। उन्होंने कहा कि सही मायने में यह मोदी की नहीं, अंबानी और अदाणी की सरकार है। राहुल ने कहा कि बड़े उद्योगपतियों को सरकार हजारों करोड़ रुपये दे रही है, लेकिन आम लोगों को कुछ नहीं दिया जा रहा। यह कोई नीति नहीं है, बल्कि छोटे व्यवसाइयों, व्यापारियों और किसानों को खत्म करने का हथियार है। उन्होंने कहा कि किसानों और छोटे व्यापारियों की समस्याएं हल होनी चाहिए।


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी की मौजूदगी में लाल किले के बाहर सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा उनकी छवि खराब करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं। लेकिन उन्होंने भारत यात्रा के दौरान एक महीने के भीतर देश को सच्चाई दिखा दी है। उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा मकसद महंगाई, बेरोजगारी, सांप्रदायिक नफरत और हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाना भी है।


बदरपुर बॉर्डर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि यात्रा में अगर कोई चलते-चलते गिरता है, तो हम उसको फौरन उठा लेते हैं। उससे यह नहीं पूछते कि वह हिंदू है, मुसलमान, सिख या ईसाई। सबको जोड़ना, प्यार बांटना ,प्यार फैलाना इस यात्रा का असली मकसद है। दिल्ली पहुंचने के बाद भारत जोड़ो यात्रा में नौ दिन का शीतकालीन अवकाश रहेगा। दिल्ली से दोबारा यात्रा 3 जनवरी को शुरू होगी। उसके बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब होते हुए जम्मू-कश्मीर की तरफ बढ़ेगी।


भारत जोड़ो यात्रा के लालकिला पहुंचने के बाद राहुल गांधी देश की महान विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए नहीं जा सके। लालकिला पर संबोधन के बाद अंधेरा होने लगा, इसलिए आगे के कार्यक्रम को बदल दिया गया। तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक राहुल को शाम के वक्त लालकिला से आगे राजघाट, स्मृति वन, वीर भूमि, शक्ति स्थल, राष्ट्रीय स्मृति स्थल नहीं जा सके। कयास लगाए जा रहे हैं कि यात्रा के दिल्ली से आगे रवाना होने से पहले स्मृति स्थलों पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।


मंच से मक्कल निधि मय्यम (एमकेएम) के अध्यक्ष कमल हासन ने कहा कि उन्हें राहुल ने आमंत्रित किया है। कई लोग मुझसे पूछते हैं कि यहां क्यों हूं। मैं यहां एक भारतीय के तौर पर हूं। मेरे पिता कांग्रेसी थे। मेरी अलग-अलग विचारधाराएं थीं और खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू की। जब देश की बात आती है तो सभी राजनीतिक दलों की लाइनें धुंधली हो जानी चाहिए। उसी लाइन को धुंधली कर यहां आया हूं। यही वक्त है जब देश को सबसे ज्यादा जरूरत है। भारत को तोड़ने में मदद मत करो, जोड़ने में मदद करो। यहां एक भारतीय के तौर पर आया हूं।


भारत जोड़ो यात्रा लालकिला पहुंचते ही जनसभा में तब्दील हो गई। पर्यटक भी जनसभा का हिस्सा बने और मंच पर बैठे सोनिया गांधी और कमल हासन समेत अन्य कांग्रेस नेताओं की एक झलक देखने की होड़ में लग गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जनसभा में कहा कि कश्मीर में तिरंगा फहराकर यात्रा समाप्त होगी। युवा इस यात्रा से जुड़ रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसी है कि जनता व समाज को धर्म के नाम पर अलग कर रही है। विचारों के आदान-प्रदान और बोलने की आजादी भी वे छीन रहे हैं। अच्छी विचारधारा के लोगों को डराया जा रहा है। यात्रा को देखकर भाजपा डर गई है। कोविड का बहाना बीच में ला रही है। कोविड कहीं भी नहीं है, यहां मौजूद लोग भी मास्क नहीं पहने हैं।


खरगे आगे कहते हैं कि अचानक हमारे प्रधानमंत्री अपने स्वास्थ्य मंत्री से ये कहते हैं कि देश में कोविड हो रहा है, इसका प्रचार करो। खुद मास्क बाहर नहीं पहनते और पार्लियामेंट में मास्क पहनकर आते हैं। लोगों में डर पैदा कर इस यात्रा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं, आगे बढ़ते रहेंगे। कितनी भी मुश्किल हमारे सामने आएगी, हम आगे बढ़ते रहेंगे। यात्रा देश में महंगाई, महंगाई व बेरोजगारी के खिलाफ है। चीन हमला कर रहा है, उसके खिलाफ आवाज है। संसद में तो सरकार ने बोलने का मौका तक नहीं दिया। सरकार चर्चा से भाग रही है। हिम्मत है तो संसद में सरकार चर्चा करे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय में 135 सांसद चीन पर चर्चा में शामिल हुए थे। 1965 में भी चर्चा हुई, विदेश नीति पर उस वक्त भी तीन दिन तक चर्चा चली थी। यात्रा में राहुल सिर्फ कांग्रेसियों से ही नहीं सभी से मिल रहे हैं। इसमें बुजुर्ग, छात्र, प्रोफेसर और पत्रकार तक शामिल हैं।


दिल्ली की सर्दी बेशक रिकॉर्ड बना रही है, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा की कदमताल ने गर्मी का अहसास कराया। तेज कदमों से चलते हुए किसी को टोपी उतार दी तो कोई जैकेट उतारकर कंधे पर डाले आगे बढ़ता रहा। हालांकि, लोगों से बातचीत करते टीशर्ट में राहुल गांधी आराम से चलते दिखे।


राधेश्वर नाथ ने बताया कि सुबह बहुत ठंडी थी, तो पूरे कपड़े पहनकर घर से निकला था। राहुल की तेज चाल ने आश्रम से निजामुद्दीन पहुंचने तक पसीने छुड़ा दिए। चश्मे के भीतर आंखें भी भीग गईं। सोच रहा हूं कि अगर गर्मी होती तो क्या होता। पूर्वी दिल्ली की शमीना बेगम ने भी यही कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि अब जाकर समझ में आया कि राहुल क्यों टी शर्ट में घूम रहे हैं।

Post a Comment

और नया पुराने