'शूद्र' वाले बयान पर मायावती को चाचा शिवपाल देंगे जवाब, बताया क्यों उठ रहा है ये मुद्दा?

'शूद्र' वाले बयान पर मायावती को चाचा शिवपाल देंगे जवाब, बताया क्यों उठ रहा है ये मुद्दा?

शिवपाल यादव ने मीडिया से मुखातिब होते हुए 'शूद्र' शब्द को लेकर मचे बवाल और मयावती के ट्वीट पर भी जवाब देने की बात कही है.








उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों शिवपाल यादव बहुत सक्रीय दिखाई दें रहे हैं. बीते दिनों शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी  का राष्टीय महासचिव भी बनाया गया. उसके बाद से शिवपाल यादव लगातार सत्ता पक्ष के साथ-साथ विरोधी पार्टियों पर हमला बोल रहे हैं. दरअसल, शिवपाल यादव इटावा पहुंचे थे. यहां उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए रामचरितमानस , 'शूद्र' शब्द को लेकर मचे बवाल और मायावती के ट्वीट जवाब देने की बात कही है.


सपा के राष्टीय महासचिव शिवपाल यादव ने कहा, "ये सब मुद्दे बीजेपी भड़काना चाह रही है. हम इसपर बैठकर बात करेंगे. बीजेपी इस मुद्दे पर केवल प्रदेश की जनता को भड़काने का काम कर रही है. इन्होंने विकास का तो कोई काम किया नहीं है. बजट में भी किसानों से लेकर नौजवानों, किसी के लिए कुछ नहीं है. बजट बस एक छलावा है." वहीं मायावती के दलितों के अपमान के आरोप और उनके किए गए ट्वीट पर जवाब देते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि हम सभी मुद्दों पर बैठकर बातचीत करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि हम संगठन के लोग हैं, हमारा ध्यान 2024 के चुनावों पर है.


इस मुद्दे पर बसपा प्रमुख मायावती ने भी प्रतिक्रया जाहिर की थी. उन्होंने एक बाद एक चार ट्वीट किए थे. जिसमें कहा था 'देश में कमजोर और उपेक्षित वर्गों का रामचरितमानस और मनुस्मृति आदि ग्रंथ नहीं बल्कि भारतीय संविधान है. जिसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी और ओबीसी की संज्ञा दी है. अतः इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे और न ही संविधान की अवहेलना करें.'


अपने एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा था 'इतना ही नहीं, देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी दलितों, आदिवासियों व ओबीसी समाज के शोषण, अन्याय, नाइन्साफी तथा इन वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि की उपेक्षा एवं तिरस्कार के मामले में कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी भी कोई किसी से कम नहीं.'

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