स्वामी रामदेव ने बाड़मेर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ विवादित बात कही थी. उन्होंने धार्मिक मंच से कहा कि 'इस्लाम धर्म का मतलब सिर्फ नमाज पढ़ना है.'
राजस्थान दौरे पर आए योग गुरु बाबा रामदेव को मुस्लिम समाज के खिलाफ नमाज पर टिप्पणी करना भारी पड़ गया है. बाबा के विवादित बोल पर देशभर में सियासत गर्माने लगी है. प्रदेश में भी कई जगहों पर बाबा का विरोध हुआ है. टोंक कलेक्ट्रेट में मुस्लिम समाज और अधिवक्ताओं ने बाबा के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शन कर कोतवाली थाने में परिवाद दर्ज करवाया है. राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने भी बाबा की बात पर नाराजगी जताई है.
स्वामी रामदेव ने बाड़मेर में एक धर्मसभा को संबोधित करते हुए इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ विवादित बात कही थी. उन्होंने धार्मिक मंच से कहा कि 'इस्लाम धर्म का मतलब सिर्फ नमाज पढ़ना है. मुसलमानों के लिए सिर्फ नमाज पढ़ना जरूरी है और नमाज पढ़ने के बाद कुछ भी करो, सब जायज है. चाहे हिंदुओं की लड़कियों को उठाओ, चाहे जिहाद के नाम पर आतंकवादी बनकर जो मन में आए वो करो, लेकिन दिन में 5 बार नमाज पढ़ो. फिर सब जायज होता है.'
राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक रफीक खान ने बाबा की बात को बेहद घटिया करार देते हुए इसे सोची-समझी साजिश बताया है. मीडिया से बातचीत में खान ने कहा कि केंद्र सरकार की कृपा से रामदेव की कंपनियां प्रोग्रेस कर रही हैं, इसलिए उन्हें राजस्थान में सांप्रदायिकता और जातिवाद फैलाने के लिए भेजा गया है. वे षड्यंत्र के तहत राजस्थान आए थे. योग गुरु का किसी धर्म के खिलाफ गलत टिप्पणियां करना बेहद शर्मनाक है. कोई भी धर्म दुश्मनी नहीं सिखाता है. केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
टोंक के कलेक्ट्रेट परिसर में लोगों ने बाबा रामदेव के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आक्रोश प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि रामदेव ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम किया है. लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. इसके बाद अधिवक्ताओं ने कोतवाली थाने पहुंचकर बाबा रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए लिखित रिपोर्ट दी. एसआई नंदसिंह ने एबीपी न्यूज को बताया कि अधिवक्ताओं की रिपोर्ट पर परिवाद दर्ज किया है. मामले की जांच की जाएगी.
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