जेल में अतीक की बदली पहचान: अब कैदियों की ड्रेस में नजर आएगा माफिया, कैदी नंबर 17052 बना डॉन, करना होगा काम

जेल में अतीक की बदली पहचान: अब कैदियों की ड्रेस में नजर आएगा माफिया, कैदी नंबर 17052 बना डॉन, करना होगा काम

प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरणकांड में अतीक अहमद समेत तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के आदेश के बाद अतीक अहमद को पुलिस टीम ने बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे साबरमती जेल में दाखिल करा दिया।

 



उमेश पाल अपहरण कांड में माफिया अतीक अहमद को सजा मिल चुकी है। इतने वर्षों तक खौफ पैदा कर राज करने वाले डॉन अतीक की उल्टी गिनती अब शुरू हो गई है। सजायाफ्ता कैदी के रूप में शुक्रवार को जेल प्रशासन ने अतीक का नंबर एलॉट कर दिया। साबरमती जेल में अतीक को अब इसी नाम से पुकारा जाएगा। इसी के साथ माफिया को कैदी नंबर वाला कपड़ा भी दिया जाएगा और उसे पहनना होगा, जिनसे वह काफी दिनों से बचता आ रहा था। उसके सामने जेल मैनुअल के हिसाब से विभिन्न कार्यों की सूची सौंपी गई है। जो भी काम अतीक चुनेगा, उसे करना पड़ेगा।


प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरणकांड में अतीक अहमद समेत तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के आदेश के बाद अतीक अहमद को पुलिस टीम ने बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे साबरमती जेल में दाखिल करा दिया। इसके साथ ही पुलिस ने जेल प्रशासन को अतीक के आजीवन कारावास संबंधी प्रपत्र सौंपे। रात में अतीक को उसकी पुरानी बैरक में भेजा गया था। 


बृहस्पतिवार को साबरमती जेल अधिकारियों ने अतीक अहमद को सजायाफ्ता कैदी के रूप में बैरक आवंटित की। इसके साथ ही उसे 17052 का बिल्ला दिया गया। यानी अब वह कैदी नंबर 17052 के रूप में जाना जाएगा। अतीक को बता दिया गया कि जेल मैनुअल के हिसाब से उसे काम भी करना होगा। उसे विभिन्न कार्यों की लिस्ट सौंपी गई है। उससे कहा गया कि जो भी काम उसे आता है, वह बताए। उसी के हिसाब से उसे काम दिया जाएगा। अतीक की उम्र 60 साल से अधिक है। उसे बीमारियां भी हैं और वह पूर्व सांसद भी है। जेल सूत्रों के मुताबिक काम देते वक्त उसकी स्थितियों का ध्यान रखा जाएगा।


वहीं, अतीक अहमद को कैदियों वाली ड्रेस भी दी जाएगी। बृहस्पतिवार को ड्रेस के लिए उसकी नाप भी ली गई। जेल में हर समय वह कैदियों वाली ड्रेस में ही रहेगा। अतीक से मिलने जेल में कोई नहीं आया। सजायाफ्ता कैदी की लिखापढ़ी के दौरान जेल अधिकारियों ने उसे बुलाया था। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वह अपने बैरक में चला गया।


साबरमती जेल सूत्रों के मुताबिक अतीक बृहस्पतिवार को दिन में ज्यादातर समय आराम करता रहा। उसने जेल अधिकारियों को तबीयत खराब होने की बात बताई थी। उसका कहना था कि लगातार इतनी लंबी यात्रा के बाद उसके शरीर में काफी दर्द है। उसे हाइपरटेंशन, बीपी और शुगर के साथ कमर दर्द की शिकायत भी रहती है। डाक्टर ने चेकअप के बाद उसे कुछ दवाएं भी दी हैं।

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