शिखर धवन का शुभमन गिल पर हैरान करने वाला बयान, पत्नी से अलग होने के कारणों पर भी तोड़ी चुप्पी

शिखर धवन का शुभमन गिल पर हैरान करने वाला बयान, पत्नी से अलग होने के कारणों पर भी तोड़ी चुप्पी

धवन ने भारतीय टीम में चयन प्रक्रिया पर भी बात की। धवन ने कहा कि उन्हें वनडे टीम से ड्रॉप करना और शुभमन गिल को मौका देना चयनकर्ताओं, कप्तान और कोच का एक सही निर्णय था। उन्होंने कहा कि अगर वह चयनकर्ता होते तो खुद भी ऐसा ही करते।

 





एक वक्त शिखर धवन और रोहित शर्मा की ओपनिंग जोड़ी भारतीय टीम की रीढ़ हुआ करते थे। इन दोनों ने टीम इंडिया को जैसी शुरुआत दी, उसी हिसाब से कुल स्कोर का अंदाजा लगाता जाता था। हालांकि, कोरोना ने समय बदला और अब धवन टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं। पहले उन्हें टी20 और टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया और अब वनडे में भी वह नहीं खेल रहे हैं।


कोरोना के समय वनडे में टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे धवन को टी20 वर्ल्ड कप के बाद से वनडे टीम से भी बाहर कर दिया गया है। उनकी जगह शुभमन गिल और ईशान किशन को ओपनर के तौर पर तरजीह दी जा रही है। ऐसे में इस साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में उनके टीम में जगह बनाने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अब धवन ने इन सभी मामलों पर बयान दिया है।


एक न्यूज चैनल से बातचीत में धवन ने भारतीय टीम में चयन प्रक्रिया पर भी बात की। धवन ने कहा कि उन्हें वनडे टीम से ड्रॉप करना और शुभमन गिल को मौका देना चयनकर्ताओं, कप्तान और कोच का एक सही निर्णय था। उन्होंने कहा कि अगर वह चयनकर्ता होते तो खुद भी ऐसा ही करते।


धवन से पूछा गया कि अगर वह चयनकर्ता या टीम के कप्तान होते तो खुद को कब तक मौका देते? इसके जवाब में पूर्व कप्तान ने कहा- मुझे लगता है कि शुभमन पहले से ही टेस्ट और टी20 दोनों प्रारूपों में खेल रहे थे और वाकई अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। अगर मैं चयनकर्ता होता, तो मैं भी शुभमन को मौका देता। यह पूछे जाने पर कि क्या वह शुभमन को अपने ऊपर तरजीह देंगे? इस पर भी धवन ने हां कहा।


धवन ने यह भी कहा कि वह भविष्य में होने वाले किसी भी 'करिश्मा' के लिए खुद को तैयार रखना चाहते हैं, जिससे उन्हें भारतीय टीम में वापस बुलाया जा सके। इस समय वह केवल कड़ी मेहनत करते रहना चाहते हैं ताकि वह आने वाले किसी भी अवसर के लिए तैयार रहें। धवन ने कहा- भले ही मौका न आए, मुझे अपने दिल में इस बात का पछतावा नहीं होगा कि मैंने खुद को तैयार नहीं किया। मेरे हाथ में जो कुछ भी है, मैं वह करना चाहता हूं।


धवन ने इसके अलावा पत्नी आयशा मुखर्जी से दूरी बनाने पर भी बात की। दोनों कई महीनों पहले एकदूसरे से अलग हो गए थे। हालांकि, अलग होने के बाद न तो धवन और न ही आयशा ने इस मामले पर कभी खुलकर बात की थी। हालांकि, इस इंटरव्यू में धवन ने अपनी बात रखी और बताया कि अलग होने का फैसला कब, क्यों और कैसे लिया गया। ओपनर ने लव लाइफ में पड़ने वाले युवाओं को एक महत्वपूर्ण सलाह भी दी, साथ ही 'पुनर्विवाह' के विषय पर भी बात की।


धवन ने स्वीकार किया कि वह शादी में 'असफल' रहे, लेकिन दूसरे पर अंगुली नहीं उठाना चाहते क्योंकि उन्होंने जो फैसले लिए वे उनके अपने थे। धवन ने कहा- मैं असफल रहा क्योंकि अंतिम निर्णय व्यक्ति का अपना है। मैं दूसरों पर अंगुली नहीं उठाता। मैं विफल रहा क्योंकि मुझे उस फील्ड के बारे में पता नहीं था। आज मैं क्रिकेट के बारे में जो बातें करता हूं, मुझे उसी के बारे में 20 साल पहले पता नहीं था। यह अनुभव के साथ आता है।


सलामी बल्लेबाज ने खुलासा किया कि उनका तलाक का मामला अभी तक नहीं सुलझा है। उन्होंने फिर से शादी करने को लेकर भी इनकार नहीं किया है, लेकिन फिलहाल इसके बारे में वह नहीं सोच रहे हैं। धवन ने कहा- अभी मेरा तलाक का मामला चल रहा है। कल अगर मैं फिर से शादी करना चाहूंगा, तो मैं उस क्षेत्र में और अधिक समझदार हो जाऊंगा। मुझे पता चल जाएगा कि मुझे किस तरह की लड़की चाहिए। ऐसा कोई जिसके साथ मैं अपना जीवन बिता सकूं। जब मैं 26-27 साल का था और मैं लगातार क्रिकेट खेल रहा था, मैं किसी रिलेशनशिप में नहीं था। मैं मस्ती करता था, लेकिन कभी रिलेशनशिप में नहीं था।


धवन ने कहा- इसलिए, जब मैं प्यार में पड़ा, तो मैं इसमें आने वाले खतरों के बारे में नहीं जान सका। लेकिन अगर मैं आज प्यार में पड़ता हूं, तो मैं उन रेड फ्लैग्स को देख पाऊंगा। इसलिए, अगर मैं अब खतरा  देखूंगा, तो मैं बाहर निकल जाऊंगा। यदि नहीं, तो मैं उस रिलेशनशिप को जारी रखना चाहूंगा। क्रिकेटर ने युवाओं को लव लाइफ का अनुभव करने और उसे ठीक से समझने की भी सलाह दी। धवन ने कहा कि क्या वे अपने साथी की कंपनी का आनंद लेते हैं? अगर ऐसा है तो इसके बाद ही रिलेशनशिप को अगले कदम पर ले जाने का फैसला लेना चाहिए।


धवन ने कहा- युवा जब रिलेशनशिप में आते हैं, तो उन्हें इसका अनुभव करने की आवश्यकता होती है। यह महत्वपूर्ण है। उन्हें जल्दबाजी में भावनात्मक निर्णय नहीं लेना चाहिए और शादी कर लेनी चाहिए। व्यक्ति के साथ कुछ साल बिताएं और देखें कि क्या आपके विचार मेल खाते हैं और क्या आप दोनों एकदूसरे की कंपनी का आनंद ले रहे हैं। यह भी एक मैच की तरह है। कुछ को समझने में चार-पांच बार रिलेशनशिप में आना पड़ सकता है। दूसरों को चीजों को समझने में उससे भी ज्यादा वक्त लग सकता है। इसमें कुछ भी बुरा नहीं है। आप इससे सीखेंगे और जब आप शादी का फैसला लेंगे, तो आपके पास कुछ अनुभव होगा।


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