- अकबरपुर ब्लॉक के अहलादे गांव में पाइपलाइन बिछाने में किया गया भेदभाव
- कार्यदायी संस्था और उसके कर्मचारी ने अहलादे गांव में पाइपलाइन बिछाने में की मनमानी
- जलनिगम का कोई भी पर्यवेक्षण अधिकारी अभी तक नहीं पहुंचा अहलादे गांव
- सत्यम सिंह
ऑक्सीजन के बाद शरीर को जिंदा रखने के लिए पानी (जल) की आवश्यकता होती है। जल ही जीवन है। इसके दृष्टिगत सरकार ने गांव से लेेकर शहर तक की आबादी में पीने का पानी मुहैया कराने के लिए जलजीवन मिशन योजना बनाई है। इसके तहत ओवरहेड टैंक(पानी की टंकी), नलकूप निर्माण व पाइपलाइन बिछाकर आबादी में निवास करने वाले लोगों के घरों तक शुद्ध पेय जल पहुंचाने का जिम्मा प्रदेश व जनपद में स्थानीय प्रशासन को दे रखा है। योजना के कार्य का पर्यवेक्षण उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा किया जा रहा है, परंतु जलजीवन मिशन योजना उत्तर प्रदेश के जनपद अंबेडकरनगर में अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी है। यहां इस योजना के तहत कार्यों का निष्पादन मात्र कागजों पर ही होना कहा जा सकता है।
हकीकत, जंगल में मोर नाचा, किसने देखा। साहब ने बताया , मीडिया ने सुना और अधिकारी तुष्टिकरण नीति के तहत विस्तार से खबरें हुई प्रकाशित। पढ़ो और सब्र रखकर इंतजार करो। शुद्ध जल के लिए यह भजन भी गाओ - कब मिल्यिहौ दीनानाथ हमारै । या ये गुनगुनाइए बहुत देर से दर पर आंखें लगीं थी, हुजुर आते आते बहुत देर कर दी।
मौसम गर्मी का हो, सर्दी या फिर बरसात का। सभी मौसम में लोगों को पानी यानि जल की आवश्यकता होती है। परंतु केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना के जरिए लोगों को अभी तक शुद्ध पेय जल नहीं मिल सका है। अधिकारियों द्वारा ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि कुछेक गांव में हफ्ते-पंद्रह दिन के भीतर शुद्ध पेय जल आपूर्ति कराया जाए। टेस्टिंग का कार्य शुरू है।
जनपद अंबेडकरनगर में संबंधित विभाग द्वारा मीडिया में मनमाफिक खबरें प्रकाशित करवाकर जनपदवासियों को क्षणिक तसल्ली देने का कार्य किया जा रहा है। जलजीवन मिशन योजना का कार्य कहां शुरू हुआ है, कहां समाप्त हुआ, कितने लोग लाभान्वित हुए, कितने गांव और कस्बे व शहर की आबादी ओवरहेड टैंक/ट्यूबवेल व पाइपलाइन से आच्छादित हुई। यह कोई भी नागरिक स्पष्ट नहीं जान पा रहा। यह योजना और इसके तहत होने वाला कार्य संबंधित विभागों के हाकिमों द्वारा मौखिक रूप से मीडिया स्टेटमेन्ट्स में भी पढ़ा जा सकता है।
हकीकत कुछ और है। इस महत्वाकांक्षी करोड़ों की योजना के सागर में संबंधित विभाग व कार्यदायी संस्था तथा अधिकारी व कर्मचारी अकूट धन कमाने की गरज से गोते लगा रहें हैं। आम आदमी को पानी मिले या न मिले, जल जीवन मिशन योजना का सपना साकार हो या न हो, इन सब को क्या पड़ी है।
अंबेडकरनगर जनपद के अकबरपुर तहसील/ब्लॉक अंतर्गत अहलादे ग्राम पंचायत में पाइपलाइन बिछाने का कार्य कराने वाली कार्यदायी संस्था ने अधिकांश ग्रामीणों के घरों तक पाइपलाइन ही नहीं बिछाया। ऐसे में, अहलादे के ये ग्रामीण सरकार की जलजीवन मिशन योजना के तहत शुद्ध पेय जल से महरुम कर दिए गए हैं। हालांकि, अभी तक अहलादे में ओवरहेड टैंक और ट्यूबवेल आदि का निर्माण नहीं हुआ है और न ही भविष्य में जल्द ही होने की संभावना है।
हंसी तब आती है, जब नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी कुर्सी पर विराजमान महिला अधिकारी ने महीनों पूर्व यह मीडिया व्यक्तव दिया था कि जल्द ही घर-घर पाइपलाइन के जरिए एलपीजी पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा पेयजल किल्लत और उसको दूर करने के बाबत इन्होंने सारा ठिकरा उत्तर प्रदेश जल निगम अंबेडकरनगर के सिर पर फोड़ दिया था। बहरहाल, आम आदमी अभी तक जिले के अधिकारियों के प्रेस व्यक्तव्यों को पढ़कर ही शांत होकर इस इंतजार में है कि कार्यदायी संस्था जल्द ही अपना काम निपटा लेगी और जल निगम के अधिकारियों द्वारा दिया गया मीडिया व्यक्तव फलीभूत होगा।
