बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग में वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) दाखिल किया और इसके मुताबिक बिजली कंपनियों को इस समय बड़ा घाटा सहना पड़ रहा है.
उत्तर प्रदेश में अगले साल बिजली कंपनियां विद्युत दरों में बड़ी बढ़ोतरी कर सकती हैं. जानकारी के मुताबिक बिजली कंपनियां 25 से 30 फीसदी तक बिजली महंगा करने पर विचार कर रही हैं. गुरुवार देर शाम विद्युत नियामक आयोग में वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) दाखिल किया और इसके मुताबिक बिजली कंपनियों को इस वक्त बड़ा घाटा सहना पड़ रहा है. इस कारण आने वाले दिनों में बिजली की दरों में बढ़ोतरी हो सकती है.
पिछले वर्षों की तरह इस बार भी बिजली कंपनियों ने बिजली दरों का टैरिफ दाखिल न करते हुए 11000 से 12000 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है. इस घाटे से यह चीज साफ होती हैं कि विद्युत दरों में आने वाले दिनों में बढ़ोतरी की जा सकती है. बिजली कंपनियों की ओर से साल 2024-25 के लिए करीब एक लाख एक हजार करोड़ रुपये का टैरिफ दाखिल किया गया है. टैरिफ कानून के मुताबिक कल गुरुवार को इसे दाखिल करने का अंतिम दिन था.
जानकारी के मुताबिक 145000 मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता बताते हुए इसकी कुल लागत लगभग 80 से 85000 करोड़ रुपये आंकी गई है. वहीं विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के मुताबिक उपभोक्ताओं का कंपनियों पर 33000 करोड़ से अधिक रुपये सरप्लस निकला है और कानूनन सरप्लस पैसा बराबर किए बिना दरों में वृद्धि नहीं की जा सकती है. अब देखना होगा कि बिजली कंपनियां किस तरीके के पैंतरे अपना कर आने वाले दिनों में बिजली के दामों को बढ़ाने की कोशिश करती हैं या सरकार जनहित में लोगों के ऊपर किसी और बोझ को आने से रोक पाती है.
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