स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश को भेजा इस्तीफा

स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश को भेजा इस्तीफा



पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि बिना पद के पार्टी के लिए काम करता रहूंगा। स्वामी ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था । इसके बाद उसका जमकर विरोध हुआ था।


अब हूबहू पढ़िए उन्होंने लेटर में क्या लिखा...


जबसे में समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ। तब से लगातार जनाधार बढ़ाने की कोशिश की। सपा में शामिल होने के दिन ही मैंने नारा दिया था- पच्चासी तो हमारा है, 15 में भी बंटवारा है। हमारे महापुरुषों ने भी इसी तरह की लाइन खींची थी। भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने "बहुजन हिताय बहुजन सुखाय" की बात की, तो डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा कि "सोशलिस्टों ने बांधी गांठ, पिछड़ा पावै सौ में साठ"। इसी प्रकार सामाजिक परिवर्तन के महा-नायक काशीराम साहब का नारा था- "85 बनाम 15 का"।


2022 विधानसभा चुनाव में अचानक प्रत्याशियों के बदलने के बावजूद भी पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे। उसी का परिणाम था कि सपा के पास जहां 2017 में सिर्फ 45 विधायक थे। ये संख्या बढ़कर 110 हो गई। बिना किसी मांग के आपने मुझे विधान परिषद में भेजा और ठीक इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव बनाया, इस सम्मान के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।

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