बिजली बिल, डंपिंग यूनिट्स के खेल में अकबरपुर शहजादपुर के उपभोक्ता परेशान

बिजली बिल, डंपिंग यूनिट्स के खेल में अकबरपुर शहजादपुर के उपभोक्ता परेशान




अम्बेडकरनगर। बिजली बिल निकालने में मीटर रीडरों की मनमानी उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। कई-कई महीने तक मीटर रीडिंग न करने से एक तो उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ पड़ता है तो वहीं जांच के दौरान बिजली बिल न जमा करने पर उनका कनेक्शन भी काट दिया जा रहा है। इससे उपभोक्ताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अब डंपिंग यूनिट्स वाले कम धन राशि वाले बिजली बिलों से कभी खुश रहने वाले उपभोक्ता अब बकाया डंप यूनिट्स का हजारों रुपए का  नया बिल पाने से हो रहे हलकान। इनसे अब होने लगी है लें दें की सौदेबाजी।


सूत्रों के अनुसार इस समय एक नया तरीका अपना कर बिजली महकमा के मीटर रीडर और उनके आकावों द्वारा उपभोक्ता को हर महीने राहत देकर एक साल  या उससे भी अधिक समय में हजारों लाखों का बिल जेनरेट करके पकड़ाया जाता है। जो उपभोक्ता इन बिजली कर्मियों के झांसे में आकर  हर महीने का बिजली बिल आधे से कम  धन राशि का प्राप्त किया था अब वे  हजारों रुपए का बिल पाने पर आश्चर्य चकित हो रहे हैं। 


सूत्रों के अनुसार ये मीटर रीडर उपभोक्ताओं को हर महीने तात्कालिक रहतनदीन के नाम पर मीटर की रीडिंग करते हैं और चौथाई, तिहाई और आधी यूनिट्स का उपभोग दिखाकर बिल जेनरेट करके पकड़ा देते है।  उपभोक्ता जब बिल की धन राशि के अचानक अनापेक्षित कम होने की बात करता है तब उसको लाभ की बात करके टरका दिया जाता है। और फिर  एक साल के उपरांत डंप यूनिट्स का बकाया बिल वह भी हजारों में , उपभोक्ता को पकड़ा कर आधे में सौदा तय किया जाता है। गाढ़े में फंसे उपभोक्ता इस सौदे में नए मीटर के लिए अप्लाई करते हैं। इन उपभोक्ताओं के यहां नया मीटर भी सस्ते में लगवाने का झांसा मीटर रीडर द्वारा दिया जाता है।


आधा पैसा लेने के उपरांत ये मीटर रीडर उपभोक्ता को यह कहकर संतुष्ट करते हैं कि कम से कम एक साल तक तो मोहलत  मिली थी। उपभोक्ता अब क्या करे क्या कहे, मजबूरी में वही करता है जैसा मीटर रीडर कहता है। 


ग्रामीण क्षेत्र की बात दूर शहरी क्षेत्र में भी मीटर रीडरों की लापरवाही से बिजली उपभोक्ता त्रस्त हो चुके हैं। शहरी क्षेत्रों में तो फिर भी कई कई बार फोन करने के बाद मीटर रीडर पहुंचकर बिल निकालते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में पूरी तरह मनमानी का माहौल है। दो-दो, तीन-तीन महीने तक मीटर रीडर ग्रामीण क्षेत्र में बिल निकालने पहुंचते ही नहीं हैं।


नतीजा यह है कि बिल राशि अधिक हो जाने से संबंधित उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। इससे वह समय पर बिजली बिल नहीं जमा कर पाते। ऐसे में जब जांच करने के टीम संबंधित गांव में पहुंचती है तो बिजली बिल न जमा होने पर या तो जुर्माना लग जाता है या फिर कनेक्शन काट दिया जाता है। इससे उपभोक्ता परेशान हैं।

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