अब श्रावस्‍ती में हो गया 'खेल', सपा ने राम शिरोमणि वर्मा का टिकट काट दिया

अब श्रावस्‍ती में हो गया 'खेल', सपा ने राम शिरोमणि वर्मा का टिकट काट दिया



लोकसभा चुनाव 2024 में दो चरणों की वोटिंग (लोकसभा चुनाव) हो गई है पर अभी तक सपा अपने प्रत्‍याशियों को लेकर उधेड़बुन में है। बताया जा रहा है कि सपा ने अब श्रावस्‍ती से अपने उम्‍मीदवार राम शिरोमणि वर्मा का टिकट काट दिया है। उनकी जगह कांग्रेस के पूर्व विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धीरू को टिकट मिलने की बात कही जा रही है। श्रावस्‍ती में छठे चरण के तहत 25 मई को मतदान होगा। राम शिरोमणि वर्मा अपना नामांकन भी कर चुके हैं। वो इस सीट से निवर्तमान बसपा सांसद हैं जिन्‍हें पार्टी से निष्‍कासित कर दिया था। इसके बाद उन्‍हें अखिलेश यादव ने अपना प्रत्‍याशी बनाया था। अभी तक धीरेंद्र प्रताप सिंह की उम्‍मीदवारी को लेकर सपा की तरफ से आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। इससे पहले सपा मुरादाबाद समेत कई सीटों पर अपना उम्‍मीदवार बदल चुकी है।


गौरतलब है कि सपा और कांग्रेस इस बार गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। मीडिया से बातचीत में धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धीरू ने बताया कि मुझे फार्म ए व बी मिला है। सोमवार को नामांकन करूंगा। धीरेंद्र प्रताप सिंह लगातार कांग्रेस के बड़े नेताओं और सपा मुखिया के संपर्क में बने थे। वह यह साबित करने में लगे रहे कि सांसद राम शिरोमणि से जिले की जनता नाराज है। जीतने के बाद वह पांच साल क्षेत्र में नहीं दिखे। सपा पर कांग्रेस नेताओं का भी दबाव था कि धीरेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दे दिया जाए। वहीं, बीजेपी से सीधा मुकाबला होने से राम शिरोमणि राजनीतिक माहौल नहीं बना पा रहे हैं। वह अंबेडकरनगर के रहने वाले हैं और कई तरह का विरोध झेल रहे हैं।


सपा से धीरेंद्र प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के शोर पर धीरू समर्थक जश्न में दिखे। वहीं, सपा जिलाध्यक्ष डा. मणिक लाल कश्यप ने कहा कि टिकट बदलने की जानकारी पार्टी कार्यालय से फोन पर आई है लिखित अभी नहीं मिला है। इस तरह बदलाव पर मुहर लग चुकी है, बस सूची जारी होने का इंतजार है।



धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धीरू ने छात्रसंघ से राजनीति में प्रवेश किया। 2007 में वह बलरामपुर सदर से बसपा से पहला चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। 2010 में उन्‍होंने पत्‍नी सविता सिंह विधान परिषद सदस्य का चुनाव लड़ाया और शानदार जीत दर्ज की। 2012 में बलरामपुर में सीट आरक्षित होने पर वह बसपा से उतरौला विधानसभा का चुनाव लड़े और कम वोटों से चुनाव हार गए थे। लोकसभा 2019 में धीरू श्रावस्ती लोकसभा से कांग्रेस की तरफ से भी चुनाव लड़ चुके हैं। इस समय वह उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव हैं। विधायक बनने से पहले प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं। वर्तमान में उनके भतीजे अविरल सिंह हरैय्या सतघरवा ब्लाक के प्रमुख हैं।



सपा के इस फैसले से बसपा से पार्टी में आए सांसद राम शिरोमणि वर्मा को झटका लगा है। वह नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। छठवें चरण में मतदान होने से अभी सोमवार को भी नामांकन का मौका है। राम शिरोमणि वर्ष 2019 में सपा- बसपा गठबंधन से बसपा प्रत्याशी थे और जीते थे। उन्‍हें बसपा ने अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके बाद सपा का दामन थाम कर वह टिकट हासिल करने में सफल हो गए थे, लेकिन ऐन वक्‍त पर उनका टिकट कट गया।


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