सरकारी इमदाद 'ऊँट के मुंह में जीरा' साबित
बाढ़ के पानी से बढ़ा संक्रमण का खतरा
रिपोर्ट:- सत्यम सिंह
अंबेडकरनगर। बीते एक हफ्ते से लगातार बढ़ रहा तमसा नदी का जलस्तर अब स्थिर पड़ने लगा है। हालांकि अब भी शहजादपुर, नई सड़क के दोनों तरफ रिहायशी इलाकों में पानी भरा हुआ है। इसके अलावा जिला मुख्यालयी शहर के नजदीकी गांवों में भी बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। कितना नुकसान हुआ, इसका आकलन कर पाना मुश्किल है। फिर भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसान और व्यापारियों को करोड़ो की क्षति हुई है।
शहजादपुर नई सड़क पर बाढ़ का पानी कम होने लगा है लेकिन इलाके में एकत्र गंदें पानी से संडांध पैदा हो गयी है। क्षेत्र के लोगों में संक्रामक बिमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। शहजादपुर के रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी तो जमा ही है, साथ ही बाहरी तलाबों से बहकर घासपूस जलकूंभी इन इलाकों में पहुंच गयी है। बिजली के खंभे, ट्रंासफॉर्मर पानी में डूब गये हैं, जिससे बिजली व्यवस्था प्रभावित है। अकबरपुर रेलवे स्टेशन जाने वाले रास्तों पर कमर तक पानी भरा हुआ है। स्थिति यह है कि हफ्तों से लोग अपने-अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकें हैं। यहां तक कि बीमार लोग अस्पताल नहीं पहुंच पा रहें हैं। सरकारी इमदाद के नाम पर ‘ऊँट के मुंह में जीरा‘ साबित हो रही है।