अम्बेडकरनगर। अकबरपुर थाना कोतवाली क्षेत्र के गाँव करतोरा में दबंगों द्वारा आबादी की भूमि पर अनधिकृत रूप से कब्जा कर उस पर निर्माण कराये जाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इस प्रकरण में वादी द्वारा थाना एवं स्थानीय प्रशासन को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि उक्त जमीन उसकी आबादी है, जो राजस्व के अभिलेखों में दर्ज है।
परन्तु आर्थिक रूप से सम्पन्न उसके विपक्षी द्वारा जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया गया और पक्का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। थाना पुलिस, तहसील प्रशासन एवं जिलाधिकारी को उक्त आशय की शिकायती सूचना एक पक्ष द्वारा दी जा चुकी है बावजूद इसके आज तक एक सिपाही से लेकर राजस्व महकमे का कोई कर्मचारी हकीकत जानने नहीं पहुँचा। पक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी कायम है। कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।
विवरण अनुसार करतोरा गाँव निवासी रमाकान्त तिवारी पुत्र राम नयन तिवारी ने जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों को प्रार्थना-पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि गाँव के ही गिरजा शंकर, राधेश्याम पुत्रगण वंश राज उसके घर के सहन पर स्थित आबादी की जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे हैं और उस पर पक्का निर्माण करवा रहे हैं।
रमाकान्त तिवारी ने लिखा है कि जब राधेश्याम, गिरजाशंकर आदि उक्त आबादी की भूमि पर जो उनके सहन के ठीक सामने है पर निर्माण कराना शुरू किया तो उन लोगों ने 112 नम्बर डायल करके सूचना दिया और इसकी लिखित शिकायत थाना कोतवाली अकबरपुर में दिया। परन्तु इसके बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अवैध कब्जेदार सत्तापक्ष के प्रभावशाली नेताओं के खासमखास व उच्च पदस्थ पार्टी के जिला पदाधिकारियों के करीबी हैं। ये दबंग और हैंकड़ हैं।
रमाकान्त तिवारी के अनुसार उक्त आबादी की भूमि से सम्बन्धित एक वाद न्याय सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय में लम्बित है। तिवारी के अनुसार आबादी की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण को रोके जाने से सम्बन्धित एक प्रार्थना-पत्र जिलाधिकारी को दिया। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। करतोरा गाँव में दबंग व हैंकड़, राजनैतिक प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा आबादी की जमीन पर किया जाने वाला अवैध कब्जा व निर्माण कार्य को रोकवाने सम्बन्धी किसी भी तरह की पहल न तो थाना कोतवाली अकबरपुर द्वारा की गई और न ही अकबरपुर तहसील के राजस्व विभाग द्वारा ही की गई।
रमाकान्त तिवारी ने कहा कि जिलाधिकारी ने उनका आवेदन पत्र देखते ही कहा कि इसे ले जाओ। जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है तब इसमें हम क्या सकते हैं। अब रमाकान्त तिवारी आबादी की भूमि पर अवैध कब्जा व निर्माण रोकवाने हेतु कभी कोतवाली, कभी एसडीएम, कभी डीएम और अपने हित-मित्रों के अलावा उसकी पैरवी करने वाले अधिवक्ता का चक्कर लगाते फिर रहे हैं। उसे नाउम्मीदी में उम्मीद की किरण दिखाई पड़ रही है।