इस बार मुख्य लड़ाई भाजपा एवं सपा के बीच
अम्बेडकरनगर। जिले की आलापुर विधानसभा सीट का एक अलग ही फंडा है। यहां के मतदाता हर चुनाव में नए चेहरे का विधायक चुनते हैं। ऐसा 1977 से लगातार हो रहा है। 1989 में जनता दल के अरुण कुमार यहां से विधायक चुने गए थे। अगले चुनाव 1991 में राम लहर के दौरान भाजपा के त्रिवेणी राम 1993 में बसपा के घामू राम निर्वाचित हुए थे।
1996 में सपा के भीम प्रसाद सोनकर चुने गए तो 2002 में मतदाताओं ने बसपा सुप्रीमो मायावती को यहां से विधायक चुना था। 2007 में बसपा से ही त्रिभुवन दत्त और 2012 में सपा के भीम प्रसाद सोनकर को चुना था। वहीं 2017 में भाजपा की अनीता कमल विधायक चुनी गई थी।
अब देखना है 2022 में क्या होता है, 2022 में जनता फिर किसी नए चेहरे को चुनती है या इस बार रिकॉर्ड टूटेगा। वैसे भी अभी यहां बसपा को छोड़कर सभी पार्टियों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बसपा ने यहां से के डी गौतम को प्रत्याशी बनाया है।
हालांकि सपा से भी लगभग पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त का लड़ना तय माना जा रहा है, सिर्फ घोषणा होनी बाकी है। लेकिन भाजपा एवं कांग्रेस की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है। बसपा द्वारा इस बार बाहरी प्रत्याशी दिए जाने से लड़ाई दिलचस्प हो गई। यहां मुख्य लड़ाई भाजपा एवं सपा के बीच ही मानी जा रही है।