पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि बालासोर हादसे की टाइमिंग अजीब है। साजिश के एंगल से भी इसमें जांच होनी चाहिए।
ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 260 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इस घटना की जांच के लिए एक संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है, जो हर एंगल से जांच कर रही। इस बीच पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने घटना पर सवाल उठाए हैं।
मीडिया से बात करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री खुद बहुत दुखी हैं। वो हाईलेवल कमेटी बिठाएंगे, जिससे हकीकत सामने आएगी। मैं यही कहना चाहता हूं कि कमेटी को कुछ भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे 2010 में पश्चिम बंगाल के खड़गपुर के पास 10 महीने रेल नहीं चली थी, तो वो भी एक वक्त था। तो कोई भी ऐसा एंगल हो तो जांच कमेटी को उसे छोड़ना नहीं चाहिए। ये एक साजिश भी हो सकती है, क्योंकि इसकी टाइमिंग अजीब है। पूर्व रेल मंत्री ने आगे कहा कि मैं घटनास्थल के वीडियो और फोटो देख रहा था। मुझे ऐसा लगा जैसे भूकंप आया है। फिलहाल सही जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें जापान की तरह ऐसी टेक्नोलॉजी लानी चाहिए, जिससे एक भी यात्री की जान ना जाए। बंगाल में क्या हुआ था? 2010 में पश्चिम बंगाल में रेलवे की पटरी पर तोड़फोड़ हुई थी, जिससे ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए। उस घटना में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जबकि ढाई सौ लोग घायल हुए। वो इलाका नक्सलवाद से प्रभावित था, ऐसे में वहां पर काफी वक्त तक रात में ट्रेन नहीं चली थीं।
कोरोमंडल एक्सप्रेस ने शुक्रवार शाम करीब 6.55 बजे बहानगर बाजार स्टेशन को पार करने के बाद मुख्य लाइन के बजाय एक लूप लाइन ले ली, जहां मालगाड़ी खड़ी थी। पहले वो 127 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उससे टकराई, जिससे उसके कई डिब्बे पलट गए। इस बीच दूसरी पटरी पर यशवंतनगर एक्सप्रेस आ गई। उसने उन डिब्बों को टक्कर मारी दी। इस वजह से काफी ज्यादा नुकसान हुआ।