चैट जीपीटी एआई और कुर्सी कथा

चैट जीपीटी एआई और कुर्सी कथा

चैट जीपीटी उर्फ एआई उर्फ कृत्रिम बुद्धिमत्ता को दलदल पार्टी के आलाकमान ने अपनी दोनों स्वार्थ भरी आंखों की कमानों को गीले करते हुए पूछा- "हे चैट जीपीटी देव! मेरे पास मंत्री पद की एक टूटी हुई कुर्सी है और एक अन्य विरोधी पार्टी के पास मुख्यमंत्री के रूप में एक साबुत कुर्सी है। मेरी नजर इस साबुत कुर्सी पर गड़ी हुई है। मेरे पास एक बहुत बड़ी जाति की लकड़ी का डंडा भी है और मैं साबुत कुर्सी पर बैठना चाहता हूं। मुझे क्या करना चाहिए?"


- रामविलास जांगिड़




फटाक देनी सी चैट जीपीटी देवता ने अपना व्याख्यान दिया- "हे दलदल पार्टी के स्वार्थ भरे कमान देव! हे महागठबंधन को महान ठगबंधन में परिवर्तित करने वाले प्रभु श्री! आप को समझाना और ऊंट को मोटर में बिठाने के समान होगा। आपको ट्यूशन देने से अच्छा है कि मैं किसी कुत्ते को ज्ञान गंगा में नहला दूं। आप रंग बदलने की ट्यूशन में गिरगिट के भी बाप लगते हो। फिर भी आपका आदेश मेरे सिर हाथ व आंखों पे है। यहां कुछ प्रस्तावित सूची है जो आपकी सहायता कर सकती है।


कुर्सी को ठीक करें- यदि टूटी हुई कुर्सी के सारे टुकड़े आपके हैं तो आप उन्हें कुर्सी पर बिठाने का सपना दिखाकर उन्हें एक साथ जोड़कर कुर्सी को ठीक कर सकते हैं। आप संकल्प करें कि आप इस कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। यही संकल्प दोहरा कर आप उन्हीं से कुर्सी ठीक करवा लें। (यह तो पक्का है कि कुर्सी पर आप ही को बैठना है। आपका संकल्प, सत्य, वादादि आपने जाने कितने बार तोड़ दिया है। वैसे ही आप इसे भविष्य में तोड़ देंगे। यही आपका अपना निजी संकल्प है।) आपके अपने सामर्थ्य से अपनी जाति के बड़े डंडों, अपने क्षेत्र के स्वार्थी बल व देश सेवा के सुहावने बोल्ट का उपयोग करके कुर्सी को बांध लीजिए। 


वैकल्पिक बैठने का तरीका- यदि कुर्सी को ठीक करना संभव नहीं है, तो आप अलग तरीकों से साबुत कुर्सी पर बैठ सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप अपने ढंग की जातियों के डंडे का उपयोग करके साबुत कुर्सी को टिकाने का प्रयास कर सकते हैं। अपनी जाति का डंडा दिखाकर टूटी हुई कुर्सी विरोधी के ऊपर फेंक सकते हैं। इसी छीना झपटी में आप साबुत कुर्सी पर आराम से बैठ सकते हैं।


अन्य कुर्सी के बारे में सोचें- कई बार ऐसा होता है कि आप जिस कुर्सी के बारे में सोच रहे होते हैं, उससे ज्यादा उपयोगी कोई और भी कुर्सी हो सकती है। आप इधर-उधर, दाएं बाएं देखकर ऐसी कुर्सी की तलाश कर सकते हैं। फिर फटाक से उछलकर उस कुर्सी पर बैठने के मजे मार सकते हैं। आपको पता है ये देश सेवा तो किसी को करनी नहीं है। संविधान किसी को बचाना नहीं है। भ्रष्टाचार किसी को मिटाना नहीं है। महंगाई किसी को कम करनी नहीं है। बेरोजगारी किसी का बाप भी कम नहीं कर सकता। सच्ची बात तो कुर्सी पर बैठने की है। यही सबसे जरूरी है। नजरें रखें। आसपास ऊंची कुर्सियां दिखाई दे रही है। आपके पास डंडा भी है। टूटी कुर्सी भी है। आप टूटी कुर्सी विरोधियों पर फेंक मारें। उन्हें अपने स्वार्थ का, जाति का, गुंडई का, स्वार्थ का डंडा दिखाएं। डंडा उन पर दे मारें। 


दूसरे दल की कुर्सी को छीन लीजिए- कुर्सी शास्त्र में दूसरों की कुर्सी छीनना न्यायवादी और उचित माना गया है। विरोधी दल के व्यक्ति की सामाजिक समझ और सम्मान के प्रति आपका व्यवहार कांइयापन टाइप का ही रखें। यदि आप दूसरे दल की कुर्सी को छीनने की बात कर रहे हैं, तो बातें कहिए मत साम, दाम, दंड, भेदादि किसी भी अनीति से उसकी कुर्सी छीन लीजिए।"

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