अंबेडकरनगर। जिले के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों पर पर्दा डालने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा मामला कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय जाफरगंज का है, जहां बाउंड्रीवॉल निर्माण में गंभीर वित्तीय अनियमितता की शिकायत के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के तहत विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में 120 मीटर बाउंड्रीवॉल के निर्माण के लिए 4.42 लाख रुपये आवंटित किए गए थे। इंचार्ज प्रधानाध्यापक शिवसागर द्वारा इस राशि का उपयोग कर निर्माण कार्य कराया गया। लेकिन लाखों की लागत से बनी बाउंड्रीवॉल महज 15 दिन में धराशायी हो गई, जिससे कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए।
मामले की जांच के बाद जिला समन्वयक निर्माण एवं खंड शिक्षा अधिकारी, अकबरपुर ने अपनी रिपोर्ट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपी। रिपोर्ट में निर्माण कार्य में गंभीर लापरवाही और वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई। यह भी सामने आया कि दिए गए निर्देशों की पूरी तरह अवहेलना की गई थी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने डेढ़ माह पहले इंचार्ज प्रधानाध्यापक शिवसागर को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा था। लेकिन न तो समय पर जवाब मिला और न ही जिम्मेदार अधिकारियों ने आगे कोई कार्रवाई की।
शिक्षा विभाग में व्याप्त जातिवादी मानसिकता के आरोप भी इस मामले को गर्मा रहे हैं। आरोप है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अनियमितताओं पर पर्दा डालने के लिए इस मामले को जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है।
विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी से अभिभावकों और स्थानीय जनता में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक शिक्षा विभाग की अनियमितताओं पर चुप्पी साधी जाएगी।
अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग इन आरोपों पर कब कार्रवाई करेगा और भ्रष्टाचार के इस खेल पर लगाम लगाएगा। फिलहाल, जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी ने पूरे मामले पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।