अम्बेडकरनगर। जनपद के ओजस्वी और वीर रस के प्रख्यात कवि अभय सिंह निर्भीक एक बार फिर दिल्ली के ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस युवा कवि सम्मेलन में अपनी रचनाओं का जादू बिखेरेंगे। आगामी 13 जनवरी को आयोजित होने वाले इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए हिंदी अकादमी, दिल्ली ने उन्हें आमंत्रित किया है। यह तीसरी बार है जब अभय सिंह निर्भीक इस गौरवपूर्ण मंच पर अम्बेडकर नगर का प्रतिनिधित्व करेंगे।
ग्राम कहरा सुलेमपुर के निवासी और पूर्व सैन्य अधिकारी स्व. विजय बहादुर सिंह के पुत्र अभय सिंह निर्भीक की इस उपलब्धि पर जिले के साहित्य प्रेमियों और गणमान्य व्यक्तियों ने हर्ष जताया है। वीर रस की ओजस्वी कविताओं के माध्यम से देशभक्ति और तरुणाई को नई ऊर्जा देने वाले अभय सिंह का यह चयन जिले के लिए गर्व का विषय है।
पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर रहे अभय सिंह ने बीबीडी तकनीकी विश्वविद्यालय में अध्यापन किया, लेकिन साहित्य के प्रति अपने असीम प्रेम के चलते उन्होंने नौकरी को अलविदा कह दिया और पूरी तरह से साहित्य साधना में रम गए। वह लखनऊ से प्रकाशित प्रतिष्ठित पत्रिका साहित्यगंधा के कार्यकारी संपादक रहे हैं। वर्तमान में वह राष्ट्रीय कवि सम्मेलनों के मंचों पर अम्बेडकर नगर का नाम रोशन कर रहे हैं।
उनकी प्रकाशित कृतियों में "निर्भीक स्वर" (काव्य संग्रह), "सृजन के सितारे" (साझा संकलन), और बाल कहानी संग्रह "नन्हीं दुनिया" शामिल हैं। साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें अब तक प्रताप नारायण मिश्र स्मृति राष्ट्रीय युवा साहित्यकार सम्मान, विभूति साहित्य सम्मान, युवा काव्य मानस सम्मान, लखनऊ महोत्सव युवा रत्न सम्मान, और कबीर सम्मान समेत दर्जनों पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
दिल्ली के लालकिले पर गणतंत्र दिवस कवि सम्मेलन की शुरुआत गणतंत्र की स्थापना के बाद हुई थी। यह मंच देश के साहित्यिक गौरव का प्रतीक है, जहां पंडित जवाहर लाल नेहरू समेत अनेक प्रधानमंत्रियों ने कविताओं का रसास्वादन किया है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त, रामधारी सिंह दिनकर, महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन, अटल बिहारी वाजपेयी, और गोपालदास नीरज जैसे महान कवियों ने इस मंच की गरिमा बढ़ाई है।
अभय सिंह निर्भीक की इस मंच पर तीसरी बार उपस्थिति ने उनकी प्रतिभा और काव्य के प्रति उनकी निष्ठा को सिद्ध कर दिया है।
इस अवसर पर अभय सिंह निर्भीक ने कहा, "लालकिला मंच हर कवि का सपना होता है। इस मंच पर देश की तरुणाई और साहित्यिक परंपरा को जीवित रखना मेरा दायित्व है। यह मौका मेरे लिए सौभाग्य की बात है और मैं अपनी कविताओं के माध्यम से अम्बेडकर नगर और देश के युवाओं का मान बढ़ाने का प्रयास करूंगा।"
जिले के साहित्य प्रेमियों का कहना है कि अभय सिंह निर्भीक की उपस्थिति न केवल अम्बेडकर नगर, बल्कि पूरे हिंदी साहित्य जगत के लिए गौरव का क्षण होगी।