अम्बेडकर नगर।
जिले में परिवहन विभाग और यातायात के नियमों की अनदेखी करते हुए सड़कों पर अवैध वाहनों का संचालन हादसों का सबब बना हुआ है। इन दग्गामार वाहनों के
सरपट दौड़ से आए दिन जिले में सड़क हादसे हो रहे हैं जिनमें लोग असमय ही अपनी
जान से हाथ धोने के साथ ही शरीर को भी अंग-भंग कर बैठ रहे हैं। जिले के
सड़को पर मौत बने सरपट दौड़ते इन अवैध वाहनों पर नियंत्रण लगना नितांत आवश्यक
है, परन्तु परिवहन और पुलिस विभाग इधर से आंखें फेरे हुए हैं। ओवरलोडिंग
में जहां ये वाहन विभागीय नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, वहीं विभाग को
लाखों रुपए के राजस्व की चपत लगा रहे हैं। कभी-कभार इन अवैध वाहनों में से
कुछेक वाहनों की चेकिंग करके विभाग द्वारा खानापूर्ति कर ली जाती है।
जनपद की किसी भी सड़क पर परिवहन विभाग के नियमों का मखौल उड़ता देखा जा सकता है। खास तौर पर इन दिनों तो गन्ने की ढुलाई को लेकर कृषि वाहनों का व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर गैर प्रांतों की ट्रकें भी रात के अंधेरे में जिले की सड़को पर फर्राटा भरती नजर आती है। बता दें कि टैªक्टर-ट्राली को कृषि कार्य के लिए पंजीकृत किया जाता है। लिहाजा इसपर किसी प्रकार का अन्य कर नहीं लगाया जा सकता है। वहीं टैक्टर-ट्राली का काफी संख्या में व्यवसायिक प्रयोग हो रहा है। ट्राली के मूलयप को परिवर्तित
बगैर नंबर प्लेट तथा गैर प्रंातों की ट्रकों का भी संचालन खुलेआम हो रहा है। बाइक व अन्य निजी वाहनों के कागजात चेक करने वाली पुलिस इन्हें न रोक पा रही न ही परिवहन विभाग। यह हालात तब है जबकि परिवहन विभाग की ओर से जिले में अवैध वाहनों तथा नियमों की अनदेखी करते वालो के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इन वाहनों की ओर से टैक्स जमा किए जाने तथा इनके संचालन को लेकर फिटनेस हासिल होने की पड़ताल करने वाला कोई नहीं हैं।
खास बात यह है कि यह वाहन खुलेआम विभाग की आंखों के सामने विभागीय नियमों की खिल्ली उड़ाई जा रही है। इसपर कार्रवाई के बजाए अधिकारी कृषि कार्य का वाहन मानते हुए जवाबदेही से कन्नी काट रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ओवरलोड ट्रालियां आए दिन हादसे का सबब बन रही है। अनियंत्रित होकर पलटने से मार्ग जाम से लेकर दुर्धटना की वजह बन रही है। रात के अंधेरे में इन ट्रालियों पर गन्ना लाद के निकलने के दौरान यातायात नियमों के अनुसार पीछे लाइट नहीं रहती है। ऐसे में पीछे से आने वाले वाहन धुंध व अंधेरे के चलते इनसे टकरा जाते है।
जनपद की किसी भी सड़क पर परिवहन विभाग के नियमों का मखौल उड़ता देखा जा सकता है। खास तौर पर इन दिनों तो गन्ने की ढुलाई को लेकर कृषि वाहनों का व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर गैर प्रांतों की ट्रकें भी रात के अंधेरे में जिले की सड़को पर फर्राटा भरती नजर आती है। बता दें कि टैªक्टर-ट्राली को कृषि कार्य के लिए पंजीकृत किया जाता है। लिहाजा इसपर किसी प्रकार का अन्य कर नहीं लगाया जा सकता है। वहीं टैक्टर-ट्राली का काफी संख्या में व्यवसायिक प्रयोग हो रहा है। ट्राली के मूलयप को परिवर्तित
बगैर नंबर प्लेट तथा गैर प्रंातों की ट्रकों का भी संचालन खुलेआम हो रहा है। बाइक व अन्य निजी वाहनों के कागजात चेक करने वाली पुलिस इन्हें न रोक पा रही न ही परिवहन विभाग। यह हालात तब है जबकि परिवहन विभाग की ओर से जिले में अवैध वाहनों तथा नियमों की अनदेखी करते वालो के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इन वाहनों की ओर से टैक्स जमा किए जाने तथा इनके संचालन को लेकर फिटनेस हासिल होने की पड़ताल करने वाला कोई नहीं हैं।
खास बात यह है कि यह वाहन खुलेआम विभाग की आंखों के सामने विभागीय नियमों की खिल्ली उड़ाई जा रही है। इसपर कार्रवाई के बजाए अधिकारी कृषि कार्य का वाहन मानते हुए जवाबदेही से कन्नी काट रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ओवरलोड ट्रालियां आए दिन हादसे का सबब बन रही है। अनियंत्रित होकर पलटने से मार्ग जाम से लेकर दुर्धटना की वजह बन रही है। रात के अंधेरे में इन ट्रालियों पर गन्ना लाद के निकलने के दौरान यातायात नियमों के अनुसार पीछे लाइट नहीं रहती है। ऐसे में पीछे से आने वाले वाहन धुंध व अंधेरे के चलते इनसे टकरा जाते है।
रिपोर्टः- सत्यम सिंह
