अम्बेडकरनगर में नकली व मिलावटी खाद्य सामग्रियों की बिक्री जोरों पर

अम्बेडकरनगर में नकली व मिलावटी खाद्य सामग्रियों की बिक्री जोरों पर

खाद्य सुरक्षा विभाग कर रहा है कागजी खानापूर्ति

अम्बेडकरनगर। जब-जब कोई त्योहार आता है तब-तब खाद्य सुरक्षा विभाग कथित रूप से सक्रिय होकर पूरे जिले में चेकिंग अभियान चलाकर छोटे व्यवसाइयों के यहाँ छापेमारी करके खाद्य सामग्रियों के नमूने एकत्र करके जाँच हेतु सम्बन्धित प्रयोगशालाओं में भेजती है और मीडिया प्रबन्धन करके अपनी पीठ स्वयं थपथपा लेती है। इस विभाग के कर्मठ, ईमानदार एवं सक्रिय अहलकार बड़े एवं घाघ प्रवृत्ति के व्यवसाइयों की तरफ निगाह डालने में भी संकोच करते हैं छापेमारी को कौन कहे? और ये घाघ व्यवसाई अपना व्यवसाय निर्बाध रूप से जारी रखते हैं।
मीडिया की आम भाषा में इसे व्यवसाई और विभाग की मिलीभगत कहा जाता है। आज कल आए दिन अखबारों में खाद्य सुरक्षा विभाग के चेकिंग अभियान और उनके द्वारा किए गए कारनामों की खबरें प्रमुखता से पढ़ने को मिल रही हैं, जिसे पढ़ने वाले उन्हें सर्वथा गलत मानते हैं। पाठकों का कहना है कि घडियालों दुकानदारों से विभागीय मिलीभगत होने की वजह से बड़े और भव्य व्यवासायिक प्रतिष्ठानों पर निर्मित और बिक्री की जाने वाली खाद्य सामग्रियाँ मानक के विपरीत होती हैं। जिनका उपयोग जनस्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
इस समय पूरे जिले में ब्राण्डेड कम्पनियों के डुप्लीकेट एवं मिलावटी खाद्य सामग्रियाँ धड़ल्ले से बेंची जा रही हैं। जिनकी तरफ खाद्य सुरक्षा विभाग के कथित कर्मठ एवं ईमानदार सक्रिय अधिकारी/कर्मचारी ध्या नही नहीं दे रहे हैं। इस बावत मीडिया परसन्स ने अनेको बार उनके संज्ञान में बातें डाला है लेकिन इन लोगों के कानों पर जूँ नहीं रेंग रहा है, जिसका कारण यह है कि आम उपभोक्ता नकली व मिलावटी ब्राण्डेड सामग्रियों की खरीद करके कई तरह से शोषण का शिकार हो रहे हैं। पैसा तो ब्राण्डेड का देते हैं लेकिन सामान नकली पाते हैं। इस तरह तिहरे शोषण का शिकार उपभोक्ता बीमारियाँ बैठे-बिठाए मोल ले रहा है। बताया जाता है कि फार्च्यून रिफाइन्ड तेल, ब्राण्डेड खाद्य पैकेट व नकली शीतल पेय की बिक्री जोरो पर चल रही है। इस तरह के खाद्य पदार्थ तमाम तरह की बीमारियों को जन्म दे रहे हैं।
मुख्यालयी शहर अकबरपुर के बस स्टेशन क्षेत्र में छोटी-बड़ी दुकानों यहाँ तक कि ठेला दुकानदारों द्वारा मिठाई, अण्डा-आमलेट, चाट-समोसा, चाउमिन व अन्य खाने-पीने के सामानों में अखाद्य एवं मिलावटी तेलों का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। यही नहीं रसायनों से पकाए गए फल और सब्जियों की बिक्री भी जोरों पर है। खाद्य सुरक्षा विभाग के लोगों का ध्यान इधर नहीं जा रहा है। कहने के लिए कभी नकली खोवा पकड़ते हैं तो कभी दूध का नमूना लेते हैं वास्तविकता तो यह है कि इन दोनों आवश्यक खाद्य सामग्रियों के अलावा अन्य नकली मिलावटी व हानिकारक रासायन युक्त खाद्य सामग्रियों से यहाँ के बाजार अटे पड़े हैं, जिनकी जाँच करने की जहमत विभाग नहीं उठा रहा है।

Post a Comment

और नया पुराने