REPORT--MAHESH CHANDRA GUPTA
कजऱ्दार गन्ना किसानों को राहत पहुॅचाने की कवायद
बहराइच 11 अप्रैल। सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं गन्ना कृषकों के मध्य अतिदेय ऋणों की वसूली के लिए एकमुश्त समाधान योजना लागू की जायेगी। ऋणी गन्ना किसानों को ऋण अदायगी के प्रति प्रोत्साहित एवं आकर्षित करने एवं बकाये के निस्तारण की दृष्टि से गन्ना आयुक्त/निबन्धक, सहकारी गन्ना समितियाॅ, उत्तर प्रदेश की ओर से आदेश जारी किये गये हैं कि जिन ऋणी सदस्यों पर मूलधन से अधिक ब्याज हो गया है उनसे केवल मूलधन के बराबर ब्याज की धनराशि वसूल की जाय तथा अधिक ब्याज की धनराशि को उ.प्र. सहकारी समितियाॅ अधिनियम 1965 की धारा-127 के अन्तर्गत बट्टे खाते (बैड डेट्स) में डालने तथा राइट आॅफ करने की कार्यवाही की जाये।
सहकारी गन्ना समितियों के सदस्यों पर पुराने ऋण की धनराशि अधिक बढ़ जाने के कारण बहुत से सदस्यों पर मूलधन से अधिक ब्याज हो गया है। ऐसे ऋणी सदस्यों को छूट दिये जाने के सम्बन्ध में वर्ष 1991 से पूर्व के वर्षो में इस आशय के निर्देश दिये गये थे कि जिन मामलों में ब्याज मूलधन से अधिक हो जाता है, यदि बकायेदार गन्ना किसान अपना सम्पूर्ण ऋण सम्बन्धित सहकारी वर्ष में ही जमा कर दे तो उससे ब्याज मूलधन से अधिक नहीं लिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि गन्ना सुरक्षण बैठकों में समिति के पदाधिकारियों द्वारा भी गन्ना समितियों तथा गन्ना कृषकों के मध्य पुराने अतिदेय ऋणों की वसूली के सम्बन्ध में एकमुश्त समाधान योजना लागू किये जाने का अनुरोध किया गया था।
यह जानकारी देते हुए जिला गन्ना अधिकारी राम किशन ने बताया कि गन्ना समितियों के ऐसे कृषक सदस्य जिन पर मूलधन से अधिक ब्याज का बकाया है और जिनकी वसूली उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम 1965 तथा नियमावली 1968 के प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने के उपरान्त भी बकाया वसूल नहीं हो पा रहा है के सम्बन्ध में एकमुश्त समाधान योजना की सुविधा 31 मार्च 2007 के पूर्व समिति द्वारा वितरित एवं बकाया सभी प्रकार के ऋणों पर समान रूप से लागू होगी।
जिला गन्ना अधिकारी ने यह भी बताया कि योजना का अनुमोदन सम्बन्धित गन्ना समिति द्वारा किया जायेगा तथा इस योजना अन्तर्गत कपटपूर्ण ढ़ंग से अदायगी न करने एवं धोखा-धड़ी द्वारा लिये गये ऋण तथा वित्तीय दुराशय वाले ऋण को आच्छादित नहीं किया जायेगा। पात्र बकायेदारों में से रू. 1.00 लाख से अधिक की बकाया धनराशि वाले सदस्यों का जिला गन्ना अधिकारी द्वारा जाॅच एवं परीक्षण किया जायेगा। जबकि 50 हज़ार से 01 लाख रू. के ऋणी सदस्यों का ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक द्वारा तथा शेष सदस्यों का सम्बन्धित सचिव समिति एवं गन्ना विकास निरीक्षकों द्वारा जाॅच एवं परीक्षण का कार्य किया जायेगा। इस योजना में आच्छादित बकाया ऋण का मूलधन पूरा वसूल किया जायेगा तथा उस पर 31 मार्च 2016 तक अगणित ब्याज में से मूलधन के बराबर ब्याज वसूल किया जायेगा। शेष ब्याज की धनराशि हानि खाते में दर्शायी जायेगी तथा वसूली व्यय में किसी प्रकार की छूट अनुमन्य नहीं होगी।
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पोषण मिशन समीक्षा बैठक 13 कोबहराइच 11 अप्रैल। राज्य पोषण मिशन अन्तर्गत गठित जिला पोषण समिति की बैठक में जिलाधिकारी अभय 13 अप्रैल 2016 को अपरान्ह 04ः00 बजे से विकास भवन सभागार में मिशन अन्तर्गत गोद लिये गये गाॅवों की समीक्षा करेंगे।
यह जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने डीडीओ, सीएमओ, पीडीडीआरडीए, जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी, खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, बीएसए, डीआईओएस, एआर को-आपरेटिव, डीपीआरओ, कृषि अधिकारी, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, विकलांग कल्याण अधिकारी, डीएसओ, प्रोबेशन अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, सेवायोजन अधिकारी, उद्यान अधिकारी, अल्पसंख्क कल्याण अधिकारी, गन्ना अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी (कृषि), पीडी नेडा, पीओ डूडा, सहायक निदेशक मत्स्य एवं रेशम, एई लघु सिंचाई, उप निदेशक कृषि, डीसी श्रम रोज़गार एवं स्वतः रोज़गार, एएमए जिला पंचायत तथा समस्त बीडीओ, सीडीपीओ एवं प्रभारी चिकित्साधिकारियों से अपेक्षा की है कि माह मार्च 2016 तक किये गये निरीक्षणों की आख्या एवं फोटोग्राफ्स तथा वीएचएनडी रिपोर्ट सहित बैठक में स्वयं उपस्थित रहेंगे।
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मध्यस्थता केन्द्र के प्रयास से पति पत्नी साथ रहने को राज़ी
बहराइच 11 अप्रैल। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित मध्यस्थता एवं सुलह समझौता केन्द्र, सिविल कोर्ट परिसर बहराइच के मध्यस्थ अधिवक्ता हरिपाल सिंह के प्रयासों से महिला थाना बहराइच द्वारा संदर्भित वैवाहिक/दहेज उत्पीड़न मामलों से सम्बन्धित मुकदमा अपराध संख्या 95/16 श्रीमती सगीरून्निशाॅ बनाम नफीस आदि अन्तर्गत धारा 498, 323, 506, 494 आईपीसी थाना फखरपुर में पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता कराकर एक परिवार को पुनः एक साथ दाम्पत्य जीवन बिताने पर राज़ी किया गया। यह जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विजय बहादुर यादव ने बताया कि वादिनी श्रीमती सगीरून्निशाॅ पुत्री मुबारक अली साकिन शेरपुरवा, दा. सरायकाज़ी थाना फखरपुर वर्तमान पता ग्राम कपूरपुर थाना हरदी का विवाह नफीस पुत्र साबिर साकिन शेरपुरवा, दा. सरायकाज़ी थाना फखरपुर, बहराइच के साथ हुआ था किन्तु कतिपय पारिवारिक विवाद के कारण वादिनी ने अपने पति सहित 5 व्यक्तियों के विरूद्ध अन्तर्गत धारा 498ए, 323, 506, 494 आईपीसी व 3/4 डीपी एक्ट थाना फखरपुर में प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित करायी गयी। उक्त मामला महिला थाना बहराइच द्वारा मध्यस्थता एवं सलह समझौता केन्द्र बहराइच को संदर्भित करने पर मध्यस्थ अधिवक्ता के प्रयासों से पति-पत्नी को पुनः दाम्पत्य जीवन बिताने पर राज़ी किया गया। इस प्रकार एक परिवार को टूटने से बचा लिया गया।
बहराइच 11 अप्रैल। सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं गन्ना कृषकों के मध्य अतिदेय ऋणों की वसूली के लिए एकमुश्त समाधान योजना लागू की जायेगी। ऋणी गन्ना किसानों को ऋण अदायगी के प्रति प्रोत्साहित एवं आकर्षित करने एवं बकाये के निस्तारण की दृष्टि से गन्ना आयुक्त/निबन्धक, सहकारी गन्ना समितियाॅ, उत्तर प्रदेश की ओर से आदेश जारी किये गये हैं कि जिन ऋणी सदस्यों पर मूलधन से अधिक ब्याज हो गया है उनसे केवल मूलधन के बराबर ब्याज की धनराशि वसूल की जाय तथा अधिक ब्याज की धनराशि को उ.प्र. सहकारी समितियाॅ अधिनियम 1965 की धारा-127 के अन्तर्गत बट्टे खाते (बैड डेट्स) में डालने तथा राइट आॅफ करने की कार्यवाही की जाये।
सहकारी गन्ना समितियों के सदस्यों पर पुराने ऋण की धनराशि अधिक बढ़ जाने के कारण बहुत से सदस्यों पर मूलधन से अधिक ब्याज हो गया है। ऐसे ऋणी सदस्यों को छूट दिये जाने के सम्बन्ध में वर्ष 1991 से पूर्व के वर्षो में इस आशय के निर्देश दिये गये थे कि जिन मामलों में ब्याज मूलधन से अधिक हो जाता है, यदि बकायेदार गन्ना किसान अपना सम्पूर्ण ऋण सम्बन्धित सहकारी वर्ष में ही जमा कर दे तो उससे ब्याज मूलधन से अधिक नहीं लिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि गन्ना सुरक्षण बैठकों में समिति के पदाधिकारियों द्वारा भी गन्ना समितियों तथा गन्ना कृषकों के मध्य पुराने अतिदेय ऋणों की वसूली के सम्बन्ध में एकमुश्त समाधान योजना लागू किये जाने का अनुरोध किया गया था।
यह जानकारी देते हुए जिला गन्ना अधिकारी राम किशन ने बताया कि गन्ना समितियों के ऐसे कृषक सदस्य जिन पर मूलधन से अधिक ब्याज का बकाया है और जिनकी वसूली उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम 1965 तथा नियमावली 1968 के प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने के उपरान्त भी बकाया वसूल नहीं हो पा रहा है के सम्बन्ध में एकमुश्त समाधान योजना की सुविधा 31 मार्च 2007 के पूर्व समिति द्वारा वितरित एवं बकाया सभी प्रकार के ऋणों पर समान रूप से लागू होगी।
जिला गन्ना अधिकारी ने यह भी बताया कि योजना का अनुमोदन सम्बन्धित गन्ना समिति द्वारा किया जायेगा तथा इस योजना अन्तर्गत कपटपूर्ण ढ़ंग से अदायगी न करने एवं धोखा-धड़ी द्वारा लिये गये ऋण तथा वित्तीय दुराशय वाले ऋण को आच्छादित नहीं किया जायेगा। पात्र बकायेदारों में से रू. 1.00 लाख से अधिक की बकाया धनराशि वाले सदस्यों का जिला गन्ना अधिकारी द्वारा जाॅच एवं परीक्षण किया जायेगा। जबकि 50 हज़ार से 01 लाख रू. के ऋणी सदस्यों का ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक द्वारा तथा शेष सदस्यों का सम्बन्धित सचिव समिति एवं गन्ना विकास निरीक्षकों द्वारा जाॅच एवं परीक्षण का कार्य किया जायेगा। इस योजना में आच्छादित बकाया ऋण का मूलधन पूरा वसूल किया जायेगा तथा उस पर 31 मार्च 2016 तक अगणित ब्याज में से मूलधन के बराबर ब्याज वसूल किया जायेगा। शेष ब्याज की धनराशि हानि खाते में दर्शायी जायेगी तथा वसूली व्यय में किसी प्रकार की छूट अनुमन्य नहीं होगी।
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पोषण मिशन समीक्षा बैठक 13 कोबहराइच 11 अप्रैल। राज्य पोषण मिशन अन्तर्गत गठित जिला पोषण समिति की बैठक में जिलाधिकारी अभय 13 अप्रैल 2016 को अपरान्ह 04ः00 बजे से विकास भवन सभागार में मिशन अन्तर्गत गोद लिये गये गाॅवों की समीक्षा करेंगे।
यह जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने डीडीओ, सीएमओ, पीडीडीआरडीए, जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी, खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, बीएसए, डीआईओएस, एआर को-आपरेटिव, डीपीआरओ, कृषि अधिकारी, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, विकलांग कल्याण अधिकारी, डीएसओ, प्रोबेशन अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, सेवायोजन अधिकारी, उद्यान अधिकारी, अल्पसंख्क कल्याण अधिकारी, गन्ना अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी (कृषि), पीडी नेडा, पीओ डूडा, सहायक निदेशक मत्स्य एवं रेशम, एई लघु सिंचाई, उप निदेशक कृषि, डीसी श्रम रोज़गार एवं स्वतः रोज़गार, एएमए जिला पंचायत तथा समस्त बीडीओ, सीडीपीओ एवं प्रभारी चिकित्साधिकारियों से अपेक्षा की है कि माह मार्च 2016 तक किये गये निरीक्षणों की आख्या एवं फोटोग्राफ्स तथा वीएचएनडी रिपोर्ट सहित बैठक में स्वयं उपस्थित रहेंगे।
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मध्यस्थता केन्द्र के प्रयास से पति पत्नी साथ रहने को राज़ी
बहराइच 11 अप्रैल। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित मध्यस्थता एवं सुलह समझौता केन्द्र, सिविल कोर्ट परिसर बहराइच के मध्यस्थ अधिवक्ता हरिपाल सिंह के प्रयासों से महिला थाना बहराइच द्वारा संदर्भित वैवाहिक/दहेज उत्पीड़न मामलों से सम्बन्धित मुकदमा अपराध संख्या 95/16 श्रीमती सगीरून्निशाॅ बनाम नफीस आदि अन्तर्गत धारा 498, 323, 506, 494 आईपीसी थाना फखरपुर में पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता कराकर एक परिवार को पुनः एक साथ दाम्पत्य जीवन बिताने पर राज़ी किया गया। यह जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विजय बहादुर यादव ने बताया कि वादिनी श्रीमती सगीरून्निशाॅ पुत्री मुबारक अली साकिन शेरपुरवा, दा. सरायकाज़ी थाना फखरपुर वर्तमान पता ग्राम कपूरपुर थाना हरदी का विवाह नफीस पुत्र साबिर साकिन शेरपुरवा, दा. सरायकाज़ी थाना फखरपुर, बहराइच के साथ हुआ था किन्तु कतिपय पारिवारिक विवाद के कारण वादिनी ने अपने पति सहित 5 व्यक्तियों के विरूद्ध अन्तर्गत धारा 498ए, 323, 506, 494 आईपीसी व 3/4 डीपी एक्ट थाना फखरपुर में प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित करायी गयी। उक्त मामला महिला थाना बहराइच द्वारा मध्यस्थता एवं सलह समझौता केन्द्र बहराइच को संदर्भित करने पर मध्यस्थ अधिवक्ता के प्रयासों से पति-पत्नी को पुनः दाम्पत्य जीवन बिताने पर राज़ी किया गया। इस प्रकार एक परिवार को टूटने से बचा लिया गया।