उत्तर प्रदेश में कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव हो जा रहे हैं। जैसे-जैसे यूपी विधानसभा चुनाव-2022 के दिन नजदीक आ रहे हैं, सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जमकर लग गए हैं। राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभंव कोशिश कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश चुनाव में मुख्य मुकाबल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में है।
हालांकि रेस में आम आदमी पार्टी (आप) भी है लेकिन वह अभी सभी मतदाताओं का विश्वास जीतने की कोशिश में हैं। जहां सत्तारूढ़ भाजपा ने राज्य के विकास में शानदार काम करने का दावा किया है, वहीं सपा और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने खराब प्रदर्शन और सत्ता विरोधी लहर का आरोप लगाया है। एबीपी न्यूज ने सीवोटर के साथ मिलकर चुनाव के पहले ये सर्वे किया है कि योगी आदित्यनाथ, अखिलेश और मायावती में से यूपी का अगला सीएम कौन है और सीएम की पहली पसंद कौन है।
एबीपी न्यूज ने सीवोटर के साथ मिलकर यह जानने की कोशिश की कि लोग योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के बारे में क्या सोचते हैं। इसके साथ ही विभिन्न संबंधित मामलों पर भी राय मांगी कि अगला सीएम बनने के लिए उनका पसंदीदा उम्मीदवार कौन है। इस सर्वेक्षण में 12,894 लोगों को शामिल किया गया है।
उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनने के लिए उनका सबसे पसंदीदा उम्मीदवार कौन है? इस सवाल का जवाब देते हुए अधिकांश उत्तरदाताओं ने योगी आदित्यनाथ का नाम लिया है। 42.8 प्रतिशत लोगों ने योगी आदित्यनाथ को सीएम के लिए पहली पसंद बताया है। हालांकि 37.4 फीसदी लोगों ने उनके प्रदर्शन को खराब बतायाहै। वहीं 21.1 फीसदी लोगों ने इसे औसत बताया है।
एबीपी न्यूज सी-वोटर सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश के अगले सीएम के लिए योगी आदित्यनाथ के बाद अखिलेश यादव का नंबर है। अखिलेश यादव को सीएम बनने के लिए 32.2 प्रतिशत लोगों ने हां कहा है। वहीं 15.4 प्रतिशत लोग मायावती को सीएम बनना देखना चाहते हैं। वहीं प्रियंका गांधी के लिए 3.6 फीसदी और रालोद के जयंत चौधरी को 1.6 फीसदी लोग सीएम के लिए पसंद करते हैं। इस बीच, 4.4 प्रतिशत ने दूसरों को चुना है।
जब सर्वे में उत्तरदाताओं से पूछा गया कि क्या वे सीएम आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार से नाराज हैं और क्या वे इसे बदलना चाहते हैं? तो देखिए क्या मिला जवाब।
- 48.3 फीसदी लोग सरकार से नाराज हैं और सरकार बदलना चाहते हैं।
- 27.5 फीसदी लोग सरकार से नाराज हैं, लेकिन सरकार नहीं बदलना चाहते हैं।
-24.2 फीसदी लोग नाराज नहीं है और नाही सरकार बदलना चाहते हैं।
बता दें कि लगभग 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं को सहमत होने वाला पहला विकल्प सत्तारूढ़ भाजपा के लिए चिंताजनक संकेत हो सकता है।
