जिले की सड़कें बदहाल, पैदल व वाहनों के संचालन के लायक नहीं

जिले की सड़कें बदहाल, पैदल व वाहनों के संचालन के लायक नहीं

- सत्यम सिंह

अंबेडकरनगर(रेनबोन्यूज समाचार सेवा)।जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले विभिन्न संपर्क और मुख्य मार्गों की हालत बेहद दयनीय है। इससे राहगीर रोजाना चोट खा रहे हैं। निर्माण व मरम्मत की जिम्मेदारी निभाने वाले जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। लोक निर्माण विभाग एवं जिला पंचायत की सड़कों की हालत वर्षों से खराब है, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। अकबरपुर-इल्तिफातगंज मार्ग, करमुलहा-हासिमगढ़-छितूनी मार्ग, इंजीनियरिग कालेज-कोटवा मार्ग, जौहरडीह मार्ग, चांदपुर-भटपुरा मार्ग, नवीन मंडी मार्ग, कोटवा-महमदपुर मार्ग, मंशापुर कुटी मार्ग आदि की हालत सालों से दयनीय है। स्थानीय लोगों ने विभाग के साथ विधायक, सांसद को पत्र सौंपा, पर स्थिति जस की तस बनी है।

मुख्य मार्गों के अलावा संपर्क मार्ग खासकर जिला पंचायत से निर्मित सड़कों की हालत इतनी खराब है कि दो से तीन फीट तक गड्ढे हो गए हैं। इन मार्गों पर दर्जनों स्कूल होने के चलते साइकिल, पैदल जाने वाले बच्चे गिरकर घायल होते रहते हैं। अधिकारी भी इस रास्ते से गुजरते रहते हैं, लेकिन ध्यान देना मुनासिब नहीं समझते। मरम्मत के नाम पर धन की बंदरबांट: विभागीय कमीशनखोरी का आलम यह है कि निर्माण के दौरान ही घटिया कार्य कराया जाता है। इससे एक वर्ष में ही सड़कें मरम्मत की श्रेणी में आ जाती हैं। मरम्मत में भी वही खेल किया जाता है। लगातार पांच वर्ष या निर्धारित समय तक मरम्मत कराकर सड़क पूरी तरह समाप्त कर दी जाती है। इंजीनियरिग कालेज से कोटवा गांव होते हुए इल्तिफातगंज सड़क का यही हाल है। इस पर चारपहिया तो छोड़िए, बाइक से भी चलना दूभर हो गया है। इसी तरह टांडा ब्लाक के डांडी गांव में ठेकेदार ने पांच माह से बड़ी गिट्टियां बिछाकर छोड़ दिया है। इस पर ग्रामीणों व बच्चों का चलना कठिन हो गया है।

जिन सड़कों पर गिट्टी-मौरंग की दुकानें हैं, वे सड़कें एक वर्ष में पूर्णतया गड्ढे में तब्दील हो जाती हैं। यहां दुकानें दुर्घटना का सबब बनी हैं। ट्रकों को सड़क पर ही खड़ा कर मौरंग और गिट्टियां उतरवाते हैं, जबकि जिलाधिकारी का सख्त निर्देश है कि सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण का सबब बने ऐसे दुकानों को हटाया जाए। विधानसभा चुनाव के बाद एमएलसी चुनाव होने से आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। लोक निर्माण विभाग की जो सड़कें हैं, अप्रैल-मई से उनका टेंडर कराकर निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही जिन सड़कों का टेंडर हो चुका है, उनका निर्माण आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रारंभ किया जाएगा।

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