जायद फसल बुआई के सीजन में माइनरों और नहरों में पानी नहीं, किसान परेशान

जायद फसल बुआई के सीजन में माइनरों और नहरों में पानी नहीं, किसान परेशान

- सत्यम सिंह



अंबेडकरनगर(रेनबोन्यूज समाचार सेवा)अंबेडकरनगर में जायद की फसल के बुवाई के सीजन में नहरों में पानी न होने से किसान निजी नलकूपों से सिंचाई करने को मजबूर हैं। नहरों से सिंचाई निशुल्क होने के बावजूद सिंचाई का समुचित लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। जिले में शारदा सहायक नहर से अधिकतर किसान सिंचाई करते हैं, लेकिन इस सीजन में नहरों में पानी नहीं है, जिससे किसानों को सिंचाई संकट का सामना करना पड़ रहा है।

गेहूं और सरसों की फसल काटने के बाद खेत खाली होने पर किसान उसमें दूसरी फसल मेंथा, गन्ना एवं गर्मियों की सब्जी की नकदी फसल लेने की तैयारी करते हैं। इसके लिए खेत का पलेवा करने की जरूरत पड़ती है। डीजल के मूल्य में प्रतिदिन बढ़ोतरी जारी है, लेकिन शारदा सहायक नहर और उसकी माइनरों में पानी ही नहीं है, जिससे किसान प्राइवेट नलकूप से खेत का पलेवा कर जायद की बुवाई करने को मजबूर हैं।

गेहूं और सरसों की फसल काटने के बाद खेत खाली होने पर किसान उसमें दूसरी फसल मेंथा, गन्ना एवं गर्मियों की सब्जी की नकदी फसल लेने की तैयारी करते हैं। इसके लिए खेत का पलेवा करने की जरूरत पड़ती है। डीजल के मूल्य में प्रतिदिन बढ़ोतरी जारी है, लेकिन शारदा सहायक नहर और उसकी माइनरों में पानी ही नहीं है, जिससे किसान प्राइवेट नलकूप से खेत का पलेवा कर जायद की बुवाई करने को मजबूर हैं।

टांडा, जलालपुर, बसखारी, जहांगीरगंज आदि क्षेत्रों में नहरों का जाल फैला हुआ है, लेकिन ये नहरें सूखी पड़ी हुई हैं। जलालपुर क्षेत्र के चकिया, मुंडेहरा, पर्वतपुर, अहिरौली, जीवत, भिटौरा, गोलपुर सहित दर्जनों गांवों के अधिकतर किसानों के खेत माइनरों से जुड़े हुए हैं, लेकिन नहर व माइनरें सूखी पड़ी हुई हैं। कागज में इसकी सफाई हर वर्ष हो रही है, लेकिन माइनर झाड़ियों से पटा हुआ है। किसान माइनरों की सफाई के लिए प्रशासन से बराबर शिकायत करते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है।

सिंचाई खंड टांडा के अधिशाषी अभियंता एसपी सिंह ने बताया कि शारदा सहायक नहर में पानी छोड़ा जा चुका है। किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। एक दो दिन में पानी जिले में पहुंच जाएगा।

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