- सत्यम सिंह
अंबेडकरनगर(रेनबोन्यूज समाचार सेवा)।अकबरपुर चीनी मिल मिझौड़ा द्वारा गेट पर्ची फ्री करने के बाद गन्ना किसानों में अफरातफरी देखने को मिल रही है।जिन किसानों का गन्ना अभी खेत में खड़ा है, उन्हें गन्ना छील कर मिल तक कैसे पंहुचाये, इसकी चुनौती है। किसानों का कहना है कि खुली खरीद का घोषणा कर चीनी मिल खरीद बंद कर देगी।जिससे गन्ना बेचने में दिक्कत होगी।
अकबरपुर मिझौड़ा चीनी मिल पर 202 -22 का पेराई सत्र 24 नम्बर से शुरू हो गया था। मिल को शुरुआत में शासन की तरफ से 90 लाख कुंतल गन्ना तौल का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन बाद में ये लक्ष्य 85 कुंतल फिर 84 कुंतल हो गया। मिल ने जब गन्ना पेराई की शुरुआत किया तो किसान अपने गन्ना तौल पर्ची के लिए मिल से लेकर समिति का चक्कर लगाते रहे, उन्हें पर्ची की समस्या होती रही। वही अब बिना बताए पहले सेंटर की पर्ची बन्द किया गया और अब मिल गेट को फ्री कर दिया गया, जिससे किसानों में अफरा तफरा मच गई है।
किसान अरुण ने कहा कि मिल ने पहले धीमी पर्ची दिया और फिर एकाएक सबकी पर्ची निकाल कर अपना कोटा पूरा कर दिया। एकाएक पर्ची आने से किसान को गन्ना छीलने के लिए मजदूर नही मिलते थे, जिससे उसकी पर्ची पर गन्ना पूरा नही बिक पाता है। अजित बताते है कि इस समय अन्य फसलों के कटाई का सीजन है, जिससे मजदूर नही मिल पाते है। मिल ने तो गेट पर्ची फ्री कर दिया और किसान के खेत में अभी गन्ना भी है, लेकिन इतनी जल्दी, वह कैसे गन्ने की छिलाई करके मिल तक पहुचायेगा, किसानों का कहना है कि मिल को अभी कुछ दिन और पेराई करनी चाहिए, जिससे गन्ना किसान आसानी से अपनी फसल बेच सके।
मिल के उप महाप्रबंधक अरविंद सिंह ने कहा कि मिल को 84 लाख कुंतल पेराई का लक्ष्य मिला था, जो पूरा हो गया और किसान को 11 मार्च तक का पैसा भी मिल गया है। उन्होंने कहा कि किसानों का जब तक पूरे गन्ने की बिक्री नही हो जाती तब तक मिल बन्द नही होगा
