टाण्डा के फरीदपुर कुतुब के बाद जलालपुर के सोहगूपुर में कार्डधारकों ने कोटेदार के खिलाफ उठाई आवाज

टाण्डा के फरीदपुर कुतुब के बाद जलालपुर के सोहगूपुर में कार्डधारकों ने कोटेदार के खिलाफ उठाई आवाज


पूर्ति निरीक्षक राम शकल को नहीं है मामले की कोई जानकारी

कोटेदार ने कहा गोदाम से ही कम मिलता है राशन

-रीता विश्वकर्मा

अम्बेडकरनगर। इस समय जिले की पाँचो तहसील व नौ ब्लाक क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों के ध्वस्त हो रही सार्वजनिक वितरण प्रणाली से सम्बन्धित खबरें मीडिया की सुर्खियों में हैं। इन खबरों में दबंग कोटेदारों की मनमानी और पूर्ति महकमे की मिलीभगत का जिक्र रहता है। लाख शिकायतों के बाद ग्रामीण क्षेत्रों के राशन कार्ड धारक सरकार की योजनाओं के तहत मिलने वाले खाद्यान्न एवं अन्य सामग्रियां पाने से वंचित हो रहे हैं। 

जिले में बीते दिनों टाण्डा तहसील/ब्लाक क्षेत्र के ग्राम फरीदपुर कुतुब में कोटेदार और पूर्ति विभाग की मिलीभगत से त्रस्त खाद्यान्न एवं अन्य वस्तुएँ पाने से वंचित कार्ड धारकों ने प्रशासन और महकमे के खिलाफ मोर्चा खोला था। साथ ही विस चुनाव-2022 में मतदान का बहिष्कार किए जाने की चेतावनी दी थी। यह प्रकरण अभी समाप्त नहीं हुआ था कि तहसील/ब्लाक जलालपुर क्षेत्र अन्तर्गत सोहगूपुर गांव के उचित दर विक्रेता द्वारा कार्डधारकों से की जा रही मनमानी की खबरें मीडिया की सुर्खियों में आने लगीं। 

उक्त खबर के अनुसार जलालपुर ब्लाक के सोहगूपुर गाँव के कोटेदार द्वारा पात्र व्यक्तियों को प्रत्येक कार्ड पर 3 से 4 किलो राशन कम दिये जाने की बात कही जा रही है। अन्त्योदय कार्डधारकों को प्रति कार्ड 32 किलो राशन मिलने का प्रावधान है। जबकि यहाँ के कोटेदार कार्डधारकों को 3 से 4 किलो राशन कम दे रहा है। बताया जाता है कि सोहगूपुर गांव के तमाम कार्डधारकों का बीते फरवरी माह में दूसरी बार मिलने वाला राशन नहीं मिल पाया है। क्योंकि कोटेदार द्वारा मशीन पर अंगूठा ही नहीं लगवाया गया। 

इस समय टाण्डा के फरीदपुर कुतुब के बाद जलालपुर का सोहगूपुर गांव और उसके वाशिन्दे कार्ड धारक, कोटेदार व विभाग के बेपरवाह जिम्मेदार मीडिया/सोशल मीडिया की सुर्खियों की सुर्खियों में बने हुए हैं। प्रकाशित व प्रसारित हो रही खबरों के अनुसार विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौन हैं। इसके अलावा कोटे से 3 से 4 किलो राशन कम दिये जाने की बात पर सोहगूपुर के कोटेदार द्वारा स्पष्ट कहा जाता है कि जब हमको अनाज गोदाम से ही कम मिल रहा है तब हम कार्डधारकों को पूरे वजन का राशन कहां से दें। हम अपने घर से अनाज कैसे दे पायेंगे। 

सोहगूपुर के कोटेदार पर आरोप है कि उसने कार्डधारकों से ई-पास मशीन पर अंगूठा तो लगवा लिया जाता है परन्तु उन्हें राशन नहीं दिया जाता है। गांव के प्रवेश अग्रहरि, तैय्यब, रामनाथ, सुखराम, गोविन्द मौर्य, किरन, मो. असलम, गौतम, रीता, राम लखन आदि अनेकों कार्डधारक ग्रामीणों ने कोटेदार द्वारा उन्हें दी गई पर्ची मीडिया को दिखाया। अन्त्योदय कार्ड धारकों को 32 किलो की पर्ची दी गई थी जबकि पात्र गृहस्थी के कार्डधारकों को 3 से 4 किलो कम राशन की पर्ची दी गई थी। इन सभी कार्ड धारकों ने सोहगूपुर के कोटेदार के बारे में कहा कि वह कार्डधारकों को राशन कम वजन का देकर गरीबों के हक पर डाका डाल रहा है। इन शिकायतकर्ताओं ने सोहगूपुर के कोटेदार जगदीश सिंह को प्रभावशाली कोटेदार कहा है। राशन कम दिया जाना इस उचित दर की दुकान की एक पुरानी परम्परा है। इन सभी ने मीडिया के जरिये पूर्ति विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है। 

इस बावत जब जलालपुर के पूर्ति निरीक्षक राम शकल से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। न तो किसी ने व्यक्तिगत शिकायत किया और नहीं हमारे पास किसी का फोन कॉल आया। हमें मीडिया/सोशल मीडिया में प्रकाशित व प्रसारित हो रही खबरों की भी जानकारी नहीं है। पूर्ति निरीक्षक ने कहा कि उनके क्षेत्र में सभी कोटेदारों द्वारा पात्र राशनकार्ड धारकों को समय समय पर वितरित होने वाला राशन और अन्य सामग्रियां दी जा रही हैं। कहीं से कोई गड़बड़ी नहीं है।  

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