- सत्यम सिंह
अंबेडकरनगर (रेनबोन्यूज समाचार सेवा) । आलापुर तहसील में कार्यरत लेखपाल रामसजीवन वर्मा का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है सोमवार को एसडीएम के बुलावे पर तहसील कार्यालय आने के बजाय रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हुए लेखपाल रामसजीवन वर्मा का 10वें दिन शनिवार को भी अबतक कोई सुराग नहीं लग पाया है लेखपाल रामसजीवन का कोई अता पता नहीं होने से परिजनों का अनहोनी की आशंका मे जहां रो रो कर बुरा हाल है वहीं प्राशासनिक अमला भी राहत की सांस नहीं ले पा रहा है।
लापता लेखपाल रामसजीवन वर्मा की पत्नी मिथिलेश वर्मा ने सोमवार शाम को ही एसडीएम आलापुर एवं उनके एक सहकर्मी पर गंभीर आरोप जड़ते हुए मुकदमा पंजीकृत करने के लिए तहरीर दिया था तथा पुलिस उच्चाधिकारियों को भी शिकायती पत्र भेजा था।अगले दिन नाटकीय घटनाक्रम के तहत पुलिस ने मिथिलेश वर्मा की बदली तहरीर पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लापता लेखपाल की तलाश करना शुरू कर दिया।
लेखपाल की तलाश में सर्विलांस की टीम तो सक्रिय की ही गई साथ ही साथ चार अलग अलग टीमें गठित कर छानबीन कराई जा रही है।नाकामी से बचने की फिराक में जुटी पुलिस शीघ्र ही किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने का दावा कर रही है।लेकिन छः दिन बाद भी रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हुए लेखपाल रामसजीवन की गुमशुदगी का राज रहस्य की चादर मे ही लिपटा हुआ है।जिसके कारण सभी का परेशान होना स्वाभाविक है।विडंबना है कि जिले के आलाअधिकारियों द्वारा भी यहां हाकिम एवं मातहतों के रिश्तों पर जमी बर्फ की परत को पिघलाने का काम नहीं किया जा रहा है जिसका खामियाजा तहसील आने वाले फरियादियों को भुगतना पड़ रहा है।हाकिम एवं मातहतों के रिश्तों में दरार की बुनियाद चार माह पहले ही पड़ गई थी।
जब लापरवाही पर फटकार के बाद मातहतों द्वारा हाकिम के साथ बदसलूकी की गई थी।जिसके बाद एसडीएम मोहन लाल गुप्ता द्वारा जहांगीर गंज थाने में लेखपाल संघ अध्यक्ष रामसिधार एवं वरिष्ठ लेखपाल जयदेव पाण्डेय व रामसजीवन वर्मा के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराते हुए तीनों लोगों को निलंबित कर दिया गया था।तीन दिन बाद निलंबन तो वापस हो गया।लेकिन अभी तक मामले की विवेचना जारी है।लापता लेखपाल रामसजीवन वर्मा आलापुर तहसील में अर्दली रामरतन वर्मा के बेटे हैं।
रामरतन वर्मा टांडा तहसील में तैनाती के बाद से ही एसडीएम के अर्दली रहे हैं जो आलापुर तहसील की स्थापना के बाद से ही एसडीएम के अर्दली के रूप में कार्य करते रहे हैं।उन्हें पहले नजारत मे भेजा गया अब वह तहसीलदार आलापुर के अर्दली के रूप में कार्य कर रहे हैं।लेखपाल बेटे के लापता होने के बाद से रामरतन भी काफी परेशान हैं।उधर साथी लेखपाल का कोई पता आब तक नहीं चल पाने पर लेखपालों मे काफी नाराजगी है।लेखपाल अब आन्दोलन की रणनीति बना रहे हैं।
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