अस्पताल प्रशासन ने इस सम्बन्ध में शासन को लिखा पत्र
अम्बेडकरनगर। ज्योतिबा फुले जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों की अपेक्षा बेड कम होने से मरीजो के इलाज में दिक्कतें आती है। कभी-कभी बेड खाली न होने के कारण मरीज की भर्ती भी नही हो पाती है। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भी बेड की कमी होने लगती है। आलम यह है कि 100 बेड के अस्पताल में 170 से 200 मरीज की संख्या हो जाती है। इसके चलते बेड के लिए मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
जिला चिकित्सालय जिले के मरीजो के इलाज का मुख्य केंद्र है। अस्पताल में रोजाना ओपीडी में 700 से 1000 मरीज इलाज के लिए आते है। वही अस्पताल में मरीजो के भर्ती के लिए 4 वार्ड बनाये गए है, जिसमे 100 बेड है, लेकिन यहां प्रतिदिन भर्ती होने वाले मरीजो कि संख्या ज्यादा होती है। अस्पताल में हमेशा 170 से 200 मरीज भर्ती रहते है। ऐसे में लिमिट से अधिक मरीज होने के कारण मरीजो के इलाज में असुविधा होती है। बेड न होने के कारण कभी कभी मरीजों को वापस जाना पड़ता है।
जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को भर्ती के लिए 16 बेड हैं। जो अक्सर भरे रहते हैं, जिससे ज्यादा मरीज आने पर बगल एक कमरे में मरीजों को एडजस्ट किया जाता है। जिला अस्पताल के प्रबंधक डॉक्टर हर्षित गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में 100 बेड का ही बजट मिलता है, जबकि अस्पताल में हमेशा 170 से 200 मरीज भर्ती होते है। इमरजेंसी वार्ड में 16 बेड है, वहां भी अधिक मरीज आते हैं। जिससे एडजस्ट करने में थोड़ी दिक्कत होती है। उन्होंने बताया कि मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पताल में 100 बेड की मांग शासन से की है। उम्मीद है, कि बेड का बजट मिलने के बाद अस्पताल की समस्या दूर हो जाएगी।
