- सत्यम सिंह
अंबेडकरनगर (रेनबोन्यूज समाचार सेवा) । कृषि विज्ञान केंद्र पांती के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक. ने बताया कि इस समय आम के बौरों की बेहतर देखरेख की जरूरत होती है, उन्होंने बताया कि आम के उत्पादन के लिए यह सबसे अच्छा समय है। इस समय बागों में दवाओं का छिड़काव व देखरेख करें तो आम का बेहतर उत्पादन किया जा सकता है।
इस समय आम में खर्रा व चूर्णिल आसिता रोग के प्रकोप की संभावना रहती है। आम के पुष्पवृंत सफेद चूर्ण से ढक जाते हैं तथा मंजरियां एवं छोटे फल सूख कर गिर जाते है। इसके प्रारंभिक लक्षण दिखाई देते ही 2 ग्राम सल्फर प्रति लीटर पानी या हेक्साकोनोजोल दवा की एक मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। प्रकोप होने पर ट्राई फ्लोक्सीस्ट्रोबिन 25 प्रतिशत एवं टैबूकोनालाइजल 50 प्रतिशत का 0.75 प्रतिशत घोल बनाकर छिड़काव करें। उन्होने कहा कि बौरे आने पर ही भुनगा कीट के प्रकोप की संभावना रहती है। नियंत्रण की लिए डाईमेथोएट की एक मिली या इमिडाक्लोप्रिड की 0.5 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। यदि पेड़ पर थ्रिप्स कीट का प्रकोप हो रहा है, तो उपरोक्त दवा या थायोमेथोकसेम कीटनाशक का छिड़काव करें।
बौर में फूल खिल रहे हों तो किसी भी प्रकार के कीटनाशक का छिड़काव न करें। क्योंकि इस समय मधुमक्खी द्वारा परागण होता है। कीटनाशक डालने से परागण क्रिया प्रभावित होगी और उत्पादन कम होगा। जब फल मटर के दाने के बराबर हो जाएं, तब सिंचाई करें।
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