बैनामा दफ्तर अकबरपुर बना लूट-खसोट का अड्डा, क्रेता-विक्रेता को जा रहा है लूटा

बैनामा दफ्तर अकबरपुर बना लूट-खसोट का अड्डा, क्रेता-विक्रेता को जा रहा है लूटा


- सत्यम सिंह

अंबेडकरनगर। अकबरपुर उप निबंधक कार्यालय में बैनामा/रजिस्ट्री की फीस के अतिरिक्त दो प्रतिशत से अधिक की धन उगाही से क्रय-विक्रय करने वालों में आक्रोश व्याप्त है। सब रजिस्ट्री कार्यालय अकबरपुर में बैनामा कराने आये धन उगाही पीड़ितो ने बताया कि रजिस्ट्री कार्यालय में दस्तावेज, बैनामा, रजिस्ट्री, एग्रीमेंट आदि कार्यों हेतु विभाग द्वारा सरकारी शुल्क से दो प्रतिशत की धन उगाही की जाती है। 

भुक्तभोगियों के अनुसार, जमीन की रजिस्ट्री कराने पर मालियत के आधार पर स्टांप लगाना होता है। परंतु, बैनामा कार्यालय अकबरपुर में सुविधा शुल्क देकर सबकुछ आसानी से संपादित हो जाता है। 

अकबरपुर बैनामा दफ्तर में भारी लूट-खसोट और व्यापक भ्रष्टाचार चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां व्याप्त भ्रष्टाचार की खबरें मीडिया की सुर्खियों में बनी रहती हैं।

सूत्रों के अनुसार, इस दफ्तर में यदि भूमि विक्रेता दलित जाति का है और क्रेता सामान्य जाति का है, तो इसके लिए पांच हजार रुपए सब रजिस्ट्रार के नाम पर अतिरिक्त देना होता है। 

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा सरलीकरण व्यवस्था के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का सिस्टम लागू कर दिया गया है। जनवाणी केंद्रो मे क्रेता तथा विक्रेता ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाते है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर क्रेता तथा विक्रेता जब उप निबंधक कार्यालय में पहुंचते हैं तो पटल पर बैठे हुए लिपिक तथा कर्मचारी तमाम प्रकार की गलतियां निकाल कर मोटी रकम की मांग करते हैं। ये कर्मचारी कमीशन या मेहनताना न देने पर क्रेता- विक्रेता का सरकारी काम करने से इनकार कर देते हैं। उपनिबंधक कार्यालय अकबरपुर में ही प्राइवेट व्यक्ति ने सिस्टम स्थापित कर लिया है।

बतलाते हैं कि किसी न किसी बहाने कार्यालय के कर्मचारी मोटा कमीशन वसूल कर लेते हैं। इतने बड़े तथा महत्वपूर्ण कार्यालय मे जहां कीमती दस्तावेज, कागजात तथा रिकॉर्ड रहते हैं बाहरी लोगों को बिना रोक-टोक अंदर आने जाने की व्यवस्था किसने की है। 

उप निबंधक कार्यालय अकबरपुर में तैनात प्राइवेट कर्मचारियों की मनमानी देखते ही बनती हैं जहां पर इन प्राइवेट कर्मचारियों द्वारा आम जनता को लूटने का काम किया जा रहा है ।

सूत्रों के अनुसार, निबंधक सहायक द्वारा अपने खास आदमी को बैनामा दफ्तर में रखा गया है, जो बिना किसी डर के आम आदमी को लूटने का काम करते हैं व उनसे अवैध वसूली करते हैं

शासन की नियमावली के अनुसार प्राइवेट कर्मचारी रखे जाने का कोई भी प्राविधान नहीं है व जो भी कर्मचारी सरकारी कार्यालयों में रखे जाएंगे वह आउट सोर्सिंग व संविदा कर्मचारी के रूप में तैनात होंगे। लेकिन उप निबंधक कार्यालय अकबरपुर में  कार्यरत प्राइवेट कर्मचारियों को दैनिक पारिश्रमिक भोगी के रूप में तैनात किया गया है। इनको दैनिक पारिश्रमिक कैसे दिया जाता है व प्रति कर्मचारी को कितना दैनिक पारिश्रमिक दिया जाता है यह एक जांच का विषय है ।

क्या जिला प्रशासन अकबरपुर बैनामा दफ्तर में व्याप्त भ्रष्टाचार व मनमानी अवैध वसूली एवं निजी कर्मचारियों की जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई करेगा या नही...?

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