अंबेडकरनगर: जिले के सैकड़ों होटल और रेस्टोरेंट बगैर फायर सर्विस के एनओसी के

अंबेडकरनगर: जिले के सैकड़ों होटल और रेस्टोरेंट बगैर फायर सर्विस के एनओसी के

जिले में बिना फायर ब्रिगेड के एनओसी के करीब 100 से अधिक होटल, रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस चल रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। इसके चलते मनमानी ढंग से इनके संचालक लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।

लखनऊ में सोमवार को लेवाना होटल में आग लग गई थी। जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद भी जिले में धड़ल्ले से बिना एनओसी के चल रहे होटल, रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस की जांच हो रही है।

जिला मुख्यालय पर ही करीब 12 से ज्यादा होटल हैं। पूरे जिले में होटलों की संख्या 24 से ज्यादा है। गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंट की संख्या 100 से अधिक है। जिले में केवल 5 होटलों को फायर ब्रिगेड विभाग से एनओसी मिला है। जिले में बड़े-बड़े होटल बिना, अग्नि शमन विभाग के NOC के चल रहे हैं। जिन होटलों के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी है। उनमें जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन रोड स्थित होटल साईं प्लाजा, पंडित होटल, ग्रैंड बिनायक है। होटल अविरल के पास एनओसी है, लेकिन रिन्यूवल नहीं हुई है।

बहुमंजिला इमारतों होटल, अस्पताल और स्कूल के लिए एनबीसी के मानकों के अनुसार 15 फीट से ऊंची इमारतों में फायर सिस्टम की व्यवस्था होनी चाहिए। आने और जाने के लिए कम से कम दो प्रवेश द्वार होने चाहिए। एक कर्मचारी प्रवेश द्वार पर हर समय तैनात होना चाहिए, जो आने और जाने वाले को गाइड कर सके।

भवन के चारो ओर खुली जगह होनी चाहिए। जिससे आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों वाहन के चारो ओर आसानी से जाकर आग बुझा सके। प्रवेश द्वार के पास वाहन नहीं होना चाहिए, जिससे किसी भी घटना के समय आसानी से बाहर लोग निकल सकें।

फायर ब्रिगेड को भवन के पास तक पहुंचने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। एक ही प्लग से बिजली के कई कनेक्शन नहीं दिए जाने चाहिए। जिस जगह पर रसोई गैस का सिलेंडर भंडारित किया जाता है, वहां आग बुझाने के साधन होने चाहिए।

भवन के पास बालू व पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा होटल, अस्पताल व अन्य प्रकार की बहुमंजिला इमारतों में स्ट्रप पम्प, फायर बीटर, सोडा एसिड, फोम वि निष्क्रिय गैस भी होनी चाहिए।

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