विधानसभा में सुनो-द्रौपदी शस्त्र उठा लो...गाकर चर्चा में आईं:विधायक डॉ. रागिनी बोलीं- यूपी की पॉलिटिक्स खतरनाक

विधानसभा में सुनो-द्रौपदी शस्त्र उठा लो...गाकर चर्चा में आईं:विधायक डॉ. रागिनी बोलीं- यूपी की पॉलिटिक्स खतरनाक

जौनपुर की मछलीशहर विधानसभा से सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर विधानसभा में अपने जबरदस्त भाषण के बाद सुर्खियों में हैं। महिलाओं के लिए समर्पित 22 सितंबर के विधानसभा सत्र में जब अखिलेश यादव की पार्टी सपा की डॉक्टर विधायक ने 'सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो...' वाली पंक्तियां बोली, तो पूरा सदन तालियों से गूंज उठा। उनका भाषण फेसबुक से लेकर ट्विटर तक वायरल हो गया।

सपा के प्रदेश सम्मेलन में भाग लेने लखनऊ पहुंचीं डॉ. रागिनी ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने अपनी प्रोफेशनल, पॉलिटिकल लाइफ और यूपी की राजनीति से जुड़ी कई दिलचस्प बातें हमसे शेयर कीं।

सवाल: विधानसभा में आपने गाते हुए भाषण दिया। क्या गाना हॉबी रही है आपकी?

जवाब: मैं पेशे से डॉक्टर हूं, तो बहुत कम समय मिला गाना गाने का और सीखने का। लेकिन स्कूल के वक्त में काफी गाने गाती थी। मुझे गाना गाने और सुनने का बहुत शौक है। मेरे पेरेंट्स भी बहुत अच्छा गाते हैं। इसलिए कह सकते हैं कि सिंगिंग मेरे जेनेटिक्स में है।

सवाल: AIIMS से पढ़ाई करने के बाद आप आंखों की डॉक्टर बनीं, फिर राजनीति में कैसे आना हुआ?

जवाब: मेरे पापा ने अजगरा विधानसभा से चुनाव लड़ा था 2017 में। उस समय मैं अपने अपने इंट्रेंस एग्जाम से फ्री हुई थी। इसलिए तुरंत उनकी कैंपेनिंग में शामिल हो गई थी। उस दौरान मैंने लोगों के बीच जाकर प्रचार किया। उस वक्त मुझे लोगों का खूब प्यार मिला। चुनाव खत्म हुए तो फिर दिल्ली चल गई अपनी MD की पढ़ाई पूरी करने के लिए। 2020 में मैंने कोविड के ICU वार्ड में काम किया। जिस कोविड वार्ड में मेरी मां एडमिट हुईं, मैं उस वार्ड की डॉक्टर थी।

कोरोना के दौरान अस्पतालों की हालत देखकर मुझे लगा कि पॉलिटिक्स ही ऐसी जगह है, जहां जाकर मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर पाऊंगी। मैं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी धन्यवाद देना चाहूंगी, जिन्होंने मुझे चुनाव लड़ने का मौका दिया। मैं आज जब भी मैं अपनी विधानसभा में बुजुर्ग लोगों से मिलती हूं, तो साथ ही साथ उनका चेकअप भी कर लेती हूं।

सवाल: आप खुद को डॉक्टर कहलाना पसंद करती हैं या विधायक?

जवाब: सभी तरह के प्रोफेशन में रिटायरमेंट होता है। लेकिन अगर आप डॉक्टर हैं तो आप पूरी जिंदगी डॉक्टर ही रहेंगे। पॉलिटिक्स में भी कुछ पक्का नहीं रहता कि 5 साल बाद आप कहां होंगे। इसलिए मुझे अपने डॉक्टर होने पर बहुत गर्व है।

सवाल: विधानसभा में महिलाओं के लिए स्पेशल सेशन रखा गया। इस बारे में आप क्या सोचती हैं?

जवाब: 75 साल से हम इंतजार कर रहे थे कि राजनीति में ऐसा पल आएगा, जब सदन में सिर्फ और सिर्फ महिलाओं को बोलने का अवसर दिया जाएगा। भारत के सबसे बड़े सदन से इस पहल की शुरुआत हुई है। मुझे लगता है कि ये देश की दूसरी विधानसभाओं के लिए एक एग्जामपल सेट करेगा।

सवाल: यूपी की पॉलिटिक्स में महिलाओं के लिए कितनी अपॉर्चुनिटी है?

जवाब: मैं यूपी विधानसभा में सबसे कम उम्र की MLA हूं। मुझे लगता है कि यहां महिलाओं को रोकने का लोगों के पास एकमात्र जरिया होता है कि उन पर कोई ऐसी टिप्पणी कर दी जाए, जिससे वह वहीं पर रुक जाएं। कुछ बोल न पाएं। लेकिन हमें सोचना चाहिए कि कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना...। महिलाओं को हमेशा बुलंद आवाज में अपनी बात रखनी चाहिए। यूपी की पॉलिटिक्स में सफल होने के लिए बहुत जरूरी है कि महिलाएं अपना रास्ता खुद चुनें।

सवाल: पॉलिटिक्स में आपका कोई फेवरेट नेता?

जवाब: मुझे अखिलेश जी और डिंपल भाभी का बहुत सपोर्ट मिला है। उनकी प्रोग्रेसिव सोच के कारण दोनों ही मेरे फेवरेट हैं। मेरी पार्टी के अलावा मुझे ममता बनर्जी और सुषमा स्वराज जी बहुत पसंद हैं।

सवाल: महिला सुरक्षा की बात आने पर विपक्ष को गेस्ट हाउस कांड, मुलायम सिंह का बयान याद आ जाता है, आप इस बारे में क्या सोचती हैं?

जवाब: यूपी की पॉलिटिक्स को इसलिए खतरनाक बोला जाता है, क्योंकि यहां किसी पर भी आरोप-प्रत्यारोप बड़ी आसानी से लगते हैं। किसी पर लांछन लगाना हो या किसी को नीचा दिखाना हो, यह सब यहां होता रहता है। इसलिए अब पार्टी 'नई हवा है, नई सपा है' के मोटो पर चल रही है। इसका उद्देश्य क्लीन पॉलिटिक्स करना है, ताकि कोई भी हमसे जुड़े उसे अच्छी निगाह से देखा जाए।

सवाल: लखीमपुर, पीलीभीत घटना के बाद महिला सुरक्षा पर आवाजें उठी। सुरक्षा व्यवस्था पर आपका क्या कहना है?

जवाब: प्रदेश सरकार कहती है कि हम जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहे हैं। लेकिन आज यूपी में साइबर अपराध चरम पर पहुंच चुका है। हमारे मछलीशहर में आज इस तरह के क्राइम के लिए कोई भी साइबर क्राइम सेल नहीं हैं। अगर कोई भी घटना होती है, तो वाराणसी जाना पड़ता है।

मैंने एक मामले को विधानसभा में उठाया था, जिसमें एक स्कूल जा रही बच्ची को किडनैप कर लिया गया था। उसका एक महीने तक रेप हुआ। वह किसी तरह वहां से भागकर पुलिस स्टेशन पहुंची, तो उसकी कंप्लेन को दर्ज नहीं किया गया। जह तब कंप्लेन दर्ज हुई, उस टाइम ड्यूरेशन में उसका वीडियो वायरल हो गया। मेरा मानना है कि सरकार को इन सब चीजों में सख्ती लानी होगी।

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