अम्बेडकरनगर। जिले में घाघरा उफान पर है। नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बाढ़ का पानी अब गांवों में पहुंचकर घरों में घुस रहा है, जिससे लोगों को बाढ़ चौकियों और राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। डीएम, एडीएम, एसडीएम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए पहुंचे। डीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से अपील की कि वे बाढ़ चौकियों और राहत शिविर केंद्रों में आकर रहे। यहां पर लोगों के लिए मेडिकल चेकअप, शुद्ध पानी और खाने पीने व ठहरने की पूरी व्यवस्था है। इसके बाद उन्होंने कहा, अब अगर आप लोग घर पर रहेंगे तो हम लोग घर-घर खाना थोड़े न पहुंचवा पाएंगे, सरकार कोई जोमैटो और स्विगी सर्विस तो चला नहीं रही। घाघरा के बढ़े जलस्तर से गांवों में पानी घुसने के बाद प्रशासन भी सतर्क हुआ है। बाढ़ चौकिया और राहत शिविर स्थापित कर लोगो को राहत पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। डीएम, एडीएम, एसडीएम से लेकर राजस्व विभाग की टीम लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे है। राहत सामग्री दवा आदि पहुंचाने का दावा कर रहे है। डीएम ने गुरुवार को टांडा क्षेत्र के अवसनपुर और महरीपुर गांव में पहुंचे और बताया की कुछ घरों में पानी घुस गया है। कुछ गांवों में 3 से 4 फूट तक पानी घुस गया है। प्रशासन भी बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने के लिए लग गया है। बाढ़ चौकियों और राहत शिविर स्थापित कर आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाया जा रहा है। बता दें कि जिले की दो तहसील टांडा और आलापुर के गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है। बाढ़ से पहले फसलें प्रभावित हुई, उसके बाद पानी गांवों में पहुंच गया और अब लोगो के घरों भी बाढ़ का पानी घुस रहा है, जिसके चलते ग्रामीणों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगो को अपने और परिवार के साथ पशुओं की चिंता भी सता रही है कि अपने खाने की व्यवस्था करे या फिर जानवरों के चारे की। बाढ़ का विकराल रूप लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोग भयभीत है। टांडा में गांव के साथ साथ शहर में भी पानी पहुंच गया है। इलाके में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी सैमुअल पाल एन का एक बेतुका बयान सामने आया है। ग्रामीणों से बातचीत करते हुए वायरल हुए वीडियो में डीएम कह रहे हैं कि हम जोमैटो नही चला रहे है कि घर तक खाना पहुंचाएंगे। मदद लेनी है तो बाढ़ चौकी तक आना ही होगा। इसीलिए बाढ़ चौकी स्थापित किया जाता है।
सूत्र: वायरल वीडियो
