'गांधी नहीं बोस से डरते थे अंग्रेज...' अनुराग ठाकुर ने कही बड़ी बात

'गांधी नहीं बोस से डरते थे अंग्रेज...' अनुराग ठाकुर ने कही बड़ी बात

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर उन्हें याद करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि अंग्रेज उनसे डरते थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस धरती पर कई स्वतंत्रता सेनानी पैदा हुए।






नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उन्हें याद किया। द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट करके लिखा, स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेन्द्र साए की जन्म जयंती पर उनको सादर नमन। उनका संघर्षपूर्ण जीवन-वृत्त साहस, त्याग और बलिदान का अद्भुत उदाहरण है। मैं अनुरोध करती हूं कि सभी देशवासी वीर सुरेन्द्र साए जैसे राष्ट्र नायकों के बारे में जानें और उनकी जीवन-गाथा से प्रेरणा लें। वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अंग्रेज नेताजी सुभाष चंद्र बोस से डरते थे।


सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें याद करते हुए कहा कि ब्रिटिश उनसे डरते थे। कोलकाता में रविवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा कि नेताजी ने इंडियन सिविल सर्विस इसलिए छोड़ी ताकि वह स्वतंत्रता के आंदोलन में शामिल हो सके और अंग्रेजों के खिलाफ खड़े हो सके। अनुराग ठाकुर ने कहा कि आईसीएस सेवा आज के आईएएस सेवा के बराबर होती है। लेकिन उन्होंने इसे छोड़कर आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया।


अनुराग ठाकुर ने कहा कि नेताजी ने आईसीएस को छोड़ा और खुद को देश की आजादी की लड़ाई में झोंक दिया। अंग्रेजों के खिलाफ नेताजी अकेले खड़े हो गए। ब्रिटिश यह कहते थे कि वह महात्मा गांधी से नहीं डरते हैं बल्कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस से डरते हैं। बंगाल की मिट्टी से कई स्वतंत्रता सेनानी हुए, यही वजह है कि अंग्रेजों को बंगाल छोड़कर दिल्ली जाना पड़ा। अनुराग ठाकुर ने युवाओं से अपील की कि वह अपनी जिम्मेदारी को सममझें और जो लोग लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं उनके खिलाफ खड़ें हों।


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस धरती पर कई स्वतंत्रता सेनानी पैदा हुए। अगर आप अंग्रेजों से इस धरती को आजाद करा सकते हैं तो आप इस धरती को उन लोगों से भी आजाद करा सकते हैं जो लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। आपको बंगाल के नाम को बचाना है। गौर करने वाली बात है कि सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती है। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में सुभाष चंद्र बोस ने काफी अहम योगदान दिया था।

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