प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोगों ने काला टीका लगाने का जिम्मा उठा रखा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टुडे के कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े अनालिस्ट, थिंकर यह कहते हैं कि यह भारत का समय है। आज जिन परिस्थितियों में भारत आगे बढ़ रहा है, वह चुनौतियां बहुत ही अलग हैं। आज इतने सारी वैश्विक चुनौतियां हैं, 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी, दो देश महीनों से युद्ध में हैं, पूरी दुनिया की सप्लाई चेन अस्त-व्यस्त है। उस स्थिति में भारत के मूवमेंट की बात होना सामान्य नहीं हैा। एक नया इतिहास बन रहा है, जिसके हम सभी साक्षी हैं। आज पूरी दुनिया भारत को लेकर विश्वास से भरी हुई है। आज भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, नंबर -1 स्मार्टफोन डेटा कंज्यूमर है। ग्लोबल फिनटेक अडॉप्शन रेट में नंबर 1 है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चर है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम है
पीएम ने कहा 2014 से पहले हेडलाइन होती थी, इस सेक्टर में इतने लाख करोड़ का घोटाला, भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनता सड़कों पर। आज क्या हेडलाइन होती है, भ्रष्टाचार के मामलों में एक्शन के कारण भयभीत भ्रष्टाचारी लामबंद हुए। पहले शहरों में बम ब्लास्ट की हेडलाइन होती थी, नक्सली हमलों की हेडलाइन होती थी, लेकिन आज शांति का माहौल है। दुनिया के विद्वान भी भारत को लेकर आशावान हैं, इन सब के बीच निराशा की बातें, भारत को नीचा दिखाने की बातें होती रहती हैं। भारत का मनोबल तोड़ने की बातें भी होती रहती हैं। हम जानते हैं कि कहीं पर भी शुभ होता है तो काला टीका लगाने की परंपरा रहती है, आज इतना शुभ हो रहा है कि कुछ लोगों ने काला टीका लगाने का जिम्मा लिया है, इसलिए कि नजर ना लग जाए।
पीएम मोदी ने कहा कि 2023 के 75 दिन ही हुए हैं, इन 75 दिनों में देश का एतिहासिक ग्रीन बजट आया है, कर्नाटक में शिवमोगा में एयरपोर्ट का उद्घाटन हुआ, मुंबई में मेट्रो का अगला फेज शुरू हुआ, बेंगलुरू-मैसूर एक्सप्रेव शुरू हुआ, अंडमान निकोबार के 21 द्वीपों को परमवीर चक्र विजेताओं के नाम किया। एयर इंडिया ने दुनिया का सबसे बड़ा एविएशन ऑर्डर दिया है। सिंगापुर के साथ यूपीआई लिंकेज की शुरुआत हुई। 75 दिनों की लिस्ट इतनी लंबी है कि समय कम पड़ जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड के चलते हमने, गरीबी का एक लंबा दौर देखा, ये दौर जितना लंबा रहा हो, एक बात हमेशा शास्वत रही, भारत का गरीब जल्द से जल्द, गरीबी से बाहर निकलना चाहता था। आज भी वो दिनभर कड़ी मेहनत करता है, वह यह चाहता है कि उसका जीवन बदले, उसकी आने वाली पीढ़ियों का जीवन बदले। वह सिर्फ दो टाइम की रोटी तक सीमित नहीं रहना चाहता है। बीते दशकों में जो भी सरकारें रही हैं, उन्होंने अपने सामर्थ्य और सूझबूझ से कोशिश की, उसी हिसाब से उन्हें परिणाम मिले। हम नए नतीजे चाहते हैं, इसलिए हमने अपनी स्पीड और स्केल को बढ़ाया।
.jpg)