'चाहे पाताल में क्यों न हों, ऐसे लोगों को ढूंढकर...' बिजली लाइन में समस्या पर बोले ऊर्जा मंत्री

'चाहे पाताल में क्यों न हों, ऐसे लोगों को ढूंढकर...' बिजली लाइन में समस्या पर बोले ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि पिछले 24 घंटे में मौसम की वजह से कुछ लाइनें प्रभावित रहीं हैं. कुछ कर्मचारियों की वजह से भी समस्या रही है और हड़ताल का कोई व्यापक असर नहीं है.


 





यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के बाद राजधानी लखनऊ समेत अलग-अलग जिलों में बिजली की समस्याएं पैदा हो रही हैं, जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अब ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बिजलीकर्मियों के कुछ संगठन आंदोलन कर रहे हैं, हम बातचीत करने को तैयार हैं और कई संगठन हमारे साथ हैं. साथ ही मंत्री ने कहा कि जनता ने तकलीफ उठाकर हमारा साथ दिया है और पॉवर की डिमांड सप्लाई को लेकर कोई दिक्कत नहीं है.


ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि पिछले 24 घंटे में मौसम की वजह से कुछ लाइनें प्रभावित रहीं हैं. कुछ कर्मचारियों की वजह से भी समस्या रही है और हड़ताल का कोई व्यापक असर नहीं है. कुछ लोगों ने कानून हाथ में लेते हुए बिजली की लाइनों में समस्या की है और स्थानीय स्तर में फॉल्ट कराए हैं. ऐसी एक एक जगह हमारे संज्ञान में हैं. चाहे पाताल में क्यों न हों, ऐसे लोगों को ढूंढकर सजा दिलाएंगे, सबको  जो बोनस 5 साल से नही दिया वो इस बार दिया है. 


'22 लोगों पर दर्ज कराई जा रही एफआईआर'

इसी के साथ ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हाईकोर्ट के ऑर्डर पर कहा कि मैं आशावादी व्यक्ति हूं पर कल बहुत निराशा हुई, हड़ताल पर अवमानना का नोटिस और वारंट जारी किया गया है और संघर्ष समिति के लोगों को समिति को ऑर्डर के बारे में पत्र लिखकर हड़ताल समाप्त करने को कहा गया है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि ये लोग हाईकोर्ट के ऑर्डर भी नहीं मान रहे. इससे हमको झटका लगा है. एके शर्मा ने आगे कहा कि समिति के नेता सोशल मीडिया पर मैसेज कर रहे हैं, इनको जनता की चिंता नहीं है. ऐसे हालात में हड़ताल जनहित और राष्ट्रहित के खिलाफ है.


ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आगे कहा कि हमने इसको लेकर सीएम को अवगत कराया है और 2 व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज करा रहे हैं. एसेंशियल सर्विसेज एक्ट के तहत इनको गिरफ्तार किया जाएगा और एक साल तक जेल में रखा जाएगा. इन 22 लोगों पर एस्मा लगाया है और कुछ को निलंबित किया है. साथ ही 22 में से 6 को सस्पेंड किया गया है और उन्हें लखनऊ से बाहर भेजा जाएगा. इसके अलावा 1332 संविदाकर्मियों को बर्खास्त किया गया है. ये प्रक्रिया जारी रहेगी और मैं कर्मचारियों को 4 घंटे की मोहलत देता हूं कि अगर सभी काम पर नहीं लौटे तो बर्खास्त किया जाएगा.


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